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हजारीबाग की अदालत ने दहेज हत्या मामले में सुनायी 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, 10 हजार रुपये जुर्माना

मृतका के पिता ने प्राथमिकी में कहा था कि दोषी सुधीर गोप उनकी पुत्री को बराबर दहेज के लिए परेशान किया करता था और बाद में इसी क्रम में उसकी हत्या कर दी. विचारण के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक भरत राम ने कई गवाहों और कई प्रदर्श को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया.

हजारीबाग. सिविल कोर्ट में सोमवार को दहेज हत्या के एक मामले में सजा सुनायी गयी. यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम ने सुनाई है. सजा गिद्दी थाना क्षेत्र निवासी सुधीर गोप को पत्नी नेहा देवी की हत्या के मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 304 बी के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी गयी.

गिद्दी थाने में दर्ज कराया गया था मामला

भारतीय दंड विधान की धारा 306 के तहत उसे पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. आपको बता दें कि यह मामला मृतका नेहा देवी के पिता नरेंद्र गोप के लिखित बयान पर गिद्दी थाना में कांड संख्या 13/17 दिनांक 10.03.2017 को दर्ज किया गया था.

दहेज के लिए बेटी की कर दी हत्या

मृतका के पिता ने प्राथमिकी में कहा था कि दोषी सुधीर गोप उनकी पुत्री को बराबर दहेज के लिए परेशान किया करता था और बाद में इसी क्रम में उसकी हत्या कर दी. विचारण के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक भरत राम ने कई गवाहों और कई प्रदर्श को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी अधिवक्ता सदानंद प्रसाद कह रहे थे. बाद में कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सत्रवाद संख्या 168/17 में यह फैसला सुनाया.

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