Chhattisgarh Coal Mine Protest: छत्तीसगढ़ अंबिकापुर के परसोड़ी कलां गांव के लोग बुधवार को आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की अमेरा कोयला खदान के विस्तार को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसके बाद तनाव बढ़ गया. अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. जवाब में पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
ग्रामीणों का क्या है कहना?
अंबिकापुर परसोड़ी कलां गांव की रहने वाली लीलावती कहती हैं, यह हमारे गांव की जमीन है, हम इसे देना नहीं चाहते. हम कहां जाएं? मेरे दादा, मेरे ससुर और मेरे पुरखों ने यहीं कमाया और रहे हैं. अब मेरी बारी है. क्या मैं इसे बेच दूं, फिर मेरा पोता या बेटा कहां जाएगा? क्या वे भीख मांगेंगे? मुझे यह सब नहीं चाहिए. हमारी पूरी जमीन माइनिंग में चली जाएगी. हम इसे देना नहीं चाहते. यह हमारे गांव की प्रॉपर्टी है. हम इसे देना नहीं चाहते.
हमारी जान चली जाए, लेकिन हम जमीन नहीं छोड़ेंगे : ग्रामीण
परसोड़ी कलां गांव की ही रहने वाली रामबाई कहती हैं, हमारी जान चली जाए, लेकिन हम यह जमीन नहीं छोड़ेंगे. भले ही वे मुझे गोली मार दें, मैं यह धरती मां नहीं छोड़ूंगी. पुलिस यहां आई है और हम पर दबाव बना रही है. हमारे पुरखे यहीं बसे थे, हम कहां जाएं, अपने बच्चों को कहां ले जाएं? हम नौकरी या मुआवजा नहीं लेंगे. हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे.
सरगुजा के अपर कलेक्टर ने क्या बताया?
सरगुजा के अपर कलेक्टर सुनील कुमार नायक ने कहा, परसोड़ी कलां गांव के लोग SECL अमेरा में इकट्ठा हुए हैं और कह रहे हैं कि वे आगे कोयला माइनिंग नहीं होने देंगे. जब हमने उनसे बात की, तो पता चला कि जमीन के सर्वे का प्रोसेस 2016 में पूरा हो गया था, और सर्वे के बाद कुछ गांव वालों को उनका मुआवजा मिल गया है. जमीन के सर्वे के प्रोसेस के बावजूद कई गांव वाले अभी भी मुआवजा लेने से मना कर रहे हैं और कोयला माइनिंग में रुकावट डाल रहे हैं. यहां पत्थरबाजी हुई, जिससे कई पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हो गए.”
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