Swiggy delivered Chilli Chicken in place of Chilli Paneer : ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी एक बार फिर अपनी सर्विस को लेकर चर्चा में है. दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है जहां एक शख्स ने अपने स्मार्टफोन पर स्विगी से शाकाहारी खाना ऑर्डर किया था, लेकिन जब ऑर्डर को खोल कर देखा तो मांसाहारी भोजन निकला. इस घटना के बाद यूजर ने स्विगी के हेल्पलाइन पर इसकी रिपोर्ट की. कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उसने रेस्टोरेंट के संचालक और स्विगी डिलीवरी बॉय के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.
मामला क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ के आशियाना इलाके के निवासी पीड़ित ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप स्विगी से ड्राई चिली पनीर (वेज) ऑर्डर किया था, लेकिन स्विगी के डिलीवरी बॉय ने ड्राई चिली चिकन (नॉन-वेज) डिलीवर कर दिया. जिस घर में मांसाहारी भोजन का नाम लेने तक की मनाही है, जरा सोचिए कि वहां मांसाहारी खाना पहुंचने पर घर का कैसा माहौल हुआ होगा! स्विगी की हेल्पलाइन पर इसकी रिपोर्ट करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो पीड़ित ने आलमबाग स्थित चाइनीज फ्यूजन रेस्टोरेंट के संचालक और स्विगी डिलीवरी ब्वॉय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.
लापरवाही की हदें पार
रेस्टोरेंट ने एक ब्राह्मण परिवार को वेज की जगह नॉनवेज फूड डिलीवर कर लापरवाही की हदें पार कर दीं. रिपोर्ट्स की मानें, तो स्विगी के माध्यम से मंगाये गए डिश की गंध से घर की महिला बीमार पड़ गई. बताया जा रहा है कि पीड़ित पेशे से कॉन्ट्रैक्टर हैं. वह आशियाना सेक्टर आई में अपने परिवार के साथ रहते हैं. पीड़ित के अनुसार, उन्होंने स्थानीय चाइनीज फ्यूजन रेस्तरां से ड्राई चिली पनीर मंगाया था. कुछ देर में डिलीवरी ब्वॉय ने ऑर्डर पहुंचा दिया.

'पहला टुकड़ा मुंह में डालते ही कुछ अलग जैसा लगा'
पीड़ित स्विगी यूजर ने बताया कि खाने का पहला टुकड़ा मुंह में डालते ही कुछ अलग जैसा लगा. इसपर उन्होंने पत्नी को बुलाकर दिखाया. खाने की गंध से उसके मांसाहारी व्यंजन होने की पुष्टि होते ही पत्नी की तबीयत तक बिगड़ गई. वहीं, गलती से मांस का एक टुकड़ा खाने के बाद पीड़ित को भी उल्टियां आने की खबर है. दरअसल रेस्तरां वालों ने उन्हें चिली पनीर की जगह चिली चिकन भेज दिया था. स्विगी की हेल्पलाइन पर इसकी रिपोर्ट करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने आशियाना थाने पहुंचकर केस दर्ज कराया. इसमें डिलीवरी ब्वॉय को भी आरोपित बनाया है. पीड़ित के अनुसार पुलिस में शिकायत के बाद रेस्तरां संचालक और कुक ने गलती मान ली है.
ऐसे मामलों में क्या हैं कानूनी प्रावधान?
वेज की जगह नॉन-वेज फूड रेस्त्रां द्वारा सर्व करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. ऐसी परिस्थिति में ग्राहक की हालत खराब होना लाजिमी है. कई मामलों में ऐसा खाना खाने के बाद तबीयत खराब होने और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ जाती है. ऐसे मामलों में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होता है. इसके अलावा, खराब भोजना परोसने का मामला भी बनता है. इसके अलावा, जान-बूझकर गलत खाना परोसने का दोषी पाये जाने पर जुर्माना और सजा दोनों के प्रावधान हैं.