दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी Nvidia के CEO जेनसन हुआंग (Jensen Huang) ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है कि उनकी कंपनी चीन के बाजार में 95% से 0% तक गिर गई है. इसका कारण है अमेरिका द्वारा लगाये गए कड़े एक्सपोर्ट बैन, जिनकी वजह से Nvidia अब चीन में अपने एडवांस्ड AI चिप्स नहीं बेच पा रही है.
क्या हुआ Nvidia के साथ?
हुआंग ने कहा कि अमेरिकी पॉलिसी के चलते Nvidia अब चीन से किसी भी तरह की राजस्व (Revenue) की उम्मीद नहीं कर रही. उन्होंने बताया-हमारे सभी वित्तीय अनुमानों में अब चीन का योगदान शून्य है. अगर भविष्य में कुछ बिक्री होती है, तो वह बोनस होगी. अमेरिका ने 2022 से Nvidia के A100, H100 और H200 जैसे AI चिप्स की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी थी. कंपनी ने चीन के लिए कमजोर H20 चिप तैयार की थी, लेकिन अब चीन ने भी उस पर सुरक्षा चिंताएं जताई हैं.
क्यों नुकसान में दोनों देश?
हुआंग के अनुसार, यह नीति न केवल Nvidia को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि अमेरिका की तकनीकी बढ़त को भी कमजोर कर रही है. उन्होंने कहा- जो नुकसान चीन को हो रहा है, वही अमेरिका को भी नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंप्यूटर बाजार है और वहां लगभग 50% AI शोधकर्ता मौजूद हैं. ऐसे में अमेरिका का उनसे कट जाना वैश्विक नवाचार (Innovation) के लिए भी खतरा है.
चीन का जवाब
चीन ने Nvidia की चिप्स पर राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने देशी ब्रांड्स जैसे Huawei को बढ़ावा देना शुरू किया है. इससे चीन का लक्ष्य अब स्वदेशी चिप उत्पादन को तेजी से बढ़ाना है.
Nvidia का चीन में मार्केट शेयर 0% क्यों हुआ?
अमेरिका के एक्सपोर्ट बैन के कारण कंपनी अब चीन में अपने एडवांस्ड AI चिप्स नहीं बेच सकती.
क्या Nvidia चीन के लिए अलग चिप बना रही थी?
हां, कंपनी ने H20 नाम की कमजोर चिप बनाई थी, लेकिन चीन ने उसे भी सुरक्षा कारणों से रोक दिया.
इससे अमेरिका को क्या नुकसान है?
Jensen Huang के अनुसार, इससे अमेरिकी तकनीकी बढ़त और AI रिसर्च पर असर पड़ेगा.
Nvidia भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर देश में लायेगी AI क्रांति, सीईओ जेन्सेन हुआंग ने कही यह बात
CES 2025: एनवीडिया ने पेश किया RTX 5090 ग्राफिक्स कार्ड, कीमत 1.70 लाख रुपये

