Fast Charging: अब मार्किट में कई ऐसे स्मार्टफोन आ चुके हैं जिनमें आपको फास्ट चार्जिंग का ऑप्शन मिलता है. कई सारी कंपनियां भी अब ये दावा करती हैं कि उनका फोन 10 मिनट में 50% चार्ज या 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगा. इसी फीचर को ही हम फास्ट चार्जिंग कहते हैं. इसमें टाइम की बचत तो होती है, लेकिन कहीं न कहीं आपके मन में भी ये सवाल जरूर उठा होगा कि कहीं इतनी फास्ट चार्जिंग से बैटरी को नुकसान तो नहीं होगा. तो आइए जानते हैं फास्ट चार्जिंग असल में काम कैसे करती है और बैटरी की हेल्थ पर इसका कितना असर पड़ता है.
कैसे काम करता है फास्ट चार्जिंग?
फास्ट चार्जिंग का काम करने का तरीका नॉर्मल चार्जिंग से थोड़ा अलग होता है. जहां नार्मल चार्जर बैटरी को धीरे-धीरे पावर देता है, वहीं फास्ट चार्जर ज्यादा वोल्टेज और करंट बैटरी तक पहुंचाता है. इसका फायदा ये है कि बैटरी कम समय में ज्यादा चार्ज हो जाती है. इसलिए आपने नोटिस किया होगा कि नए फोन 10-15 मिनट में ही आधे से ज्यादा चार्ज हो जाते हैं. जहां एक तरह आपका फोन जल्दी चार्ज हो जाता उतनी ही तेजी बैटरी भी जल्दी गर्म ही जाती है.
फास्ट चार्जिंग का हमारे फोन पर क्या असर पड़ता है?
ये तो हम सभी को पता है कि बैटरी जब चार्ज होती है तब वो गर्म हो जाता है, कारण यह है कि चार्जिंग के समय बैटरी पर ज्यादा लोड पड़ता है. बार-बार बैटरी अगर जल्दी हीट होगा, तो उसकी लाइफ धीरे-धीरे कम होने लगेगी.
असल में हर लिथियम-आयन बैटरी की एक चार्जिंग-साइकिल होती है, मतलब कितनी बार उसे चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है. लेकिन फास्ट चार्जिंग की वजह से बैटरी जल्दी हीट होता है और उसकी चार्जिंग-साइकिल जल्दी खत्म होने लगती है. इसका नतीजा ये निकलता है कि बैटरी की पावर समय से पहले ही घटने लगती है और फोन उतना बैकअप नहीं दे पाता जितना पहले देता था.
फास्ट चार्जिंग इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं?
ऐसा भी नहीं है कि फास्ट चार्जिंग हमेशा ही हमारे फोन की बैटरी के दुश्मन हैं. आजकल मोबाइल कंपनियां बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम और थर्मल कंट्रोल जैसी टेक्नोलॉजी का यूज करती हैं. इसका फायदा ये होता है कि बैटरी पर ज्यादा लोड नहीं पड़ता है. इसी वजह से नए स्मार्टफोन्स में फास्ट चार्जिंग होने के बाद भी बैटरी जल्दी खराब नहीं होती.
कोशिश करें कि आप दिन में बार-बार फास्ट चार्जिंग न करें. चार्जिंग के समय फोन को ज्यादा गर्म न होने दें. बैटरी की लाइफ बढ़ाने का सही तरीका है कि उसे फुल चार्ज कभी न करें. फुल चार्ज के वजह से बैटरी पर जरूरत से ज्यादा लोड पड़ता है जिससे बैटरी लाइफ कम हो जाती है.
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