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Good News: भारत के एआई मिशन को जल्द मिलेगा बिल गेट्स का साथ, ये है लेटेस्ट अपडेट

Good News: इंडिया एआई मिशन और गेट्स फाउंडेशन जल्द ही स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन के लिए AI आधारित समाधान विकसित करने के लिए एक MoU पर हस्ताक्षर करेंगे. जानें भारत में AI के विकास और इसके भविष्य की योजनाएं.

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Good News: भारत सरकार का इंडिया एआई मिशन (India AI Mission) अब गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित समाधान विकसित करेगा. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये जाएंगे.

इंडिया एआई मिशन और गेट्स फाउंडेशन की साझेदारी क्यों महत्वपूर्ण?

इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को और अधिक उन्नत बनाना और इसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी बनाना है.
बेहतर कृषि: एआई का उपयोग कर अधिक उत्पादक और जलवायु-संवेदनशील फसलें विकसित की जा सकेंगी
मजबूत स्वास्थ्य सेवा: बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और उनके प्रभावी इलाज के लिए एआई का उपयोग किया जाएगा
बेहतर शिक्षा: पर्सनलाइज्ड लर्निंग और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा
जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपाय: एआई की मदद से पर्यावरण-संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के लिए प्रभावी समाधान विकसित किये जाएंगे.

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बिल गेट्स के साथ बैठक के बाद घोषणा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस साझेदारी की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत में एआई को आत्मनिर्भर और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

स्वदेशी एआई और एलएलएम विकसित करने पर जोर

भारत सरकार अब स्वदेशी कृत्रिम मेधा (Indigenous AI) और बड़े भाषा मॉडल (LLM – Large Language Model) विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रही है. केंद्रीय मंत्री वैष्णव के अनुसार, वर्तमान में उपलब्ध ओपन-सोर्स एआई टेक्नोलॉजी भविष्य में पूरी तरह से मुक्त नहीं रह सकती, जैसा कि ओपनएआई के साथ हुआ. इसलिए, भारत के लिए अपना खुद का एलएलएम विकसित करना बेहद जरूरी हो गया है.
इसके अलावा, सरकार स्वदेशी जीपीयू (GPU – Graphics Processing Unit) चिप के विकास पर भी कार्य कर रही है, जिससे भारत में एआई की क्षमता और अधिक बढ़ेगी.

भारत में एआई का भविष्य और संभावनाएं

स्वदेशी एआई टेक्नोलॉजी विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम
नवाचार और स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा
एआई आधारित हेल्थकेयर और शिक्षा में सुधार

भारतीय अर्थव्यवस्था को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता.

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