Tech Tips: मौसम अब धीरे-धीरे बदलने लगा है. कई जगहों पर अब बारिश शुरू हो गई है. बारिश के मौसम में तेज आंधी-तूफान भी चलती है. ऐसे में कई इलाकों में बिजली की कटौती कर दी जाती है. कभी-कभी ये कटौती एक-दो घंटे के लिए नहीं बल्कि दिन-दिन भर के लिए कर दी जाती है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि, कई लोग इस परेशानी से बचने के लिए अपने-अपने घरों में इन्वर्टर रखते हैं. जिससे बिजली की समस्या का हल हो सके. लेकिन जिस तरह से हम फ्रिज और एसी का रख-रखाव करते हैं. वैसे ही इन्वर्टर के बैटरी का भी ध्यान रखना जरूरी होती है. जिसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर बैटरी में पानी डाला जाए ताकि बैटरी की पावर बैकअप बढ़े और बैटरी की लॉन्ग लाइफ भी बनी रहे.
यह भी पढ़ें: 99% भारतीय नहीं जानते क्यों लगती है AC में आग? जान जाएंगे तो नहीं करेंगे दोबारा ये गलती
लोग फॉलो नहीं करते सही तरीका
इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालने का भी एक तरीका होता है, जो कई लोग नहीं जानते. ऐसे में बैटरी में गलत तरीके से पानी जाने से वह जल्दी-जल्दी डिस्चार्ज होने लगता है और फिर खराब हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आपको इस बात कि जानकारी हो की बैटरी में पानी डालने का सही तरीका क्या है.
क्या है इन्वर्टर की बैटरी में पानी भरने का तरीका?
इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालना हर किसी को आसान लगता है जबकि ऐसा होता नहीं है. ऐसे में गलत तरीके से बैटरी में पानी डालना मतलब पैसे पानी में डुबाना. ऐसे में जरूरी है कि हम इन्वर्टर बैटरी में पानी डालते समय कुछ बातों का ध्यान रखें. जैसे कि बैटरी में पानी डालने से पहले उसके पानी लेवल को चेक करना, कौन सा पानी इस्तेमाल करना है ये सभी बातें जरूर जान लेनी चाहिए. अगर आप भी अपनी बैटरी को लंबे समय तक चलाना चाहते हैं तो फिर यहां नीचे दिए गए बातों को जरूर ध्यान में रखें.
इन बातों का रखें ध्यान
- इन्वर्टर की बैटरी में हमेशा डिस्टिल या डीमिनरलाइज्ड पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
- बैटरी के ऊपर या उसके सामने एक इंडिकेटर या मार्कर होता है, जो यह बताता है कि बैटरी में पानी लेवल कितना है. आप पानी लेवल बैटरी की साइड पर भी चेक कर सकते हैं.
- मार्केट में अलग-अलग ब्रांड और कंपनी के इन्वर्टर बैटरी मिलते हैं. हर कंपनियां अपने-अपने बैटरी के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस देती है. ऐसे में आप जिस ब्रांड या कंपनी का इन्वर्टर बैटरी खरीद रहें हैं उसके गाइडलाइन को जरूर फॉलो करें कि बैटरी में कितना और कब पानी डालना है.
- आप स्विंग हाइड्रोमीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्विंग हाइड्रोमीटर बैटरी के एसिड लेवल को मापने में मदद करता है. जिससे बैटरी में पानी के सही लेवल को निर्धारित करने में मदद मिलती है.
न करें ये गलती
- कभी भी बड़े बर्तन से इन्वर्टर की बैटरी में पानी नहीं डालें. ऐसा करने से पानी बाहर गिर सकता है और गलती से पानी वायरिंग पर गया तो आपको करंट लग सकता है.
- इतना ही नहीं, पानी बाहर गिरने से बैटरी के तारों में स्पार्क होने का खतरा बढ़ता है और बैटरी खराब हो सकती है. इसलिए जब भी बैटरी में पानी डालें तो छोटे मुंह वाले बोतल का इस्तेमाल करें.
- वहीं, हमेशा बैटरी में पानी के लेवल को चेक कर ही पानी डालें. क्योंकि, बैटरी में अगर पानी ज्यादा हो गया तो एसिड का लेवल पतला हो जाएगा, जो बैटरी की लाइफ के लिए सही नहीं है.
यह भी पढ़ें: Tech Tips: इन्वर्टर की बैटरी में पानी भरना भी है एक कला, सीख गए तो कहलाएंगे उस्ताद