30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Apple ने पेगासस जैसे स्पाइवेयर अटैक्स को लेकर यूजर्स को किया अलर्ट

Apple iPhone Alert: ऐपल ने आईफोन पर पेगासस जैसे स्पाइवेयर अटैक का खतरा जताया है. आईफोन यूजर्स को मर्सनरी स्पायवेयर के जरिये टारगेट किया जा रहा है.

Apple iPhone Pegasus Spyware like Attack Alert : आईफोन विनिर्माता ऐपल ने अपने यूजर्स को पेगासस जैसे एडवांस्ड स्पाइवेयर अटैक्स को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि सीमित संख्या में लोगों को इनका निशाना बनाया जा रहा है. स्पाइवेयर हमलों की जद में आने वाले लोगों में पत्रकार, कार्यकर्ता, राजनेता और राजनयिक शामिल हैं.

हालांकि, ऐपल ने इन हमलों को लेकर जारी एक सूचना में कहा कि अक्सर ऊंची लागत आने की वजह से कम संख्या में ही स्पाइवेयर को तैनात किया जाता है लेकिन भाड़े के स्पाइवेयर से हमले जारी हैं और वैश्विक स्तर पर किये जा रहे हैं.
ऐपल ने 10 अप्रैल को जारी इस खतरे की अधिसूचना में पिछले शोध और रिपोर्टों के आधार पर यह संकेत दिया है कि ऐसे हमलों का ताल्लुक ऐतिहासिक रूप से सरकार से जुड़े पक्षों से रहा है. यह अधिसूचना ऐसे समय आयी है, जब भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं.

Tata iPhone Manufacturing: पेगाट्रॉन से आईफोन प्लांट खरीद सकता है टाटा समूह

दिग्गज फोन विनिर्माता ने कहा, खतरे की सूचनाएं उन यूजर्स को सूचित करने और मदद करने के लिए तैयार की गई हैं, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से भाड़े के स्पाइवेयर हमलों से निशाना बनाया गया हो. संभवतः ऐसा इसलिए हो कि वे कौन हैं या क्या करते हैं.

ऐसे हमले नियमित साइबर आपराधिक गतिविधियों एवं उपभोक्ता मालवेयर की तुलना में बहुत अधिक जटिल होते हैं क्योंकि भाड़े के स्पाइवेयर से हमला करने वाले बहुत कम संख्या में विशिष्ट व्यक्तियों और उनके फोन को लक्षित करने के लिए असाधारण संसाधनों का उपयोग करते हैं.

ऐपल ने कहा कि भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की कीमत लाखों डॉलर होती है. इसके अलावा हमले की अवधि कम होने से उनका पता लगा पाना और उन्हें रोक पाना खासा मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा अधिकांश उपयोगकर्ताओं पर ऐसे हमले कभी भी नहीं किये जाते हैं.

iPhone 15 के बाद Apple ने कर ली iPhone 16 सीरीज की तैयारी, मिलेंगे इन-डिवाइस AI फीचर्स

कंपनी ने कहा, नागरिक समाज संगठनों, प्रौद्योगिकी फर्मों और पत्रकारों से मिली सूचनाओं और शोध से पता चलता है कि इसपर आने वाली ऊंची लागत और जटिलता को देखते हुए ये हमले ऐतिहासिक रूप से सरकारी पक्षों से जुड़े रहे हैं. इनमें सरकारी की तरफ से भाड़े के स्पाइवेयर विकसित करने वाली निजी कंपनियां भी शामिल हैं जिनमें एनएसओ ग्रुप का स्पाइवेयर पेगासस भी है.

पेगासस स्पाइवेयर ने उपयोगकर्ता के व्हाट्सऐप पर सिर्फ एक मिस कॉल देकर उसके मोबाइल फोन को अपने नियंत्रण में ले लिया था. ऐपल ने कहा कि स्पाइवेयर हमलों की अत्यधिक लागत और विश्वव्यापी प्रकृति उन्हें आज सबसे उन्नत डिजिटल खतरों में शामिल करती है.

ऐसी स्थिति में स्पाइवेयर हमलों से बचने के लिए ऐपल ने उपयोगकर्ताओं को लॉकडाउन मोड को सक्रिय करने का सुझाव दिया है. कंपनी ने कहा, ऐपल ऐसे हमलों का पता लगाने के लिए पूरी तरह से आंतरिक खतरे-खुफिया जानकारी और जांच पर निर्भर करती है. हालांकि, हमारी जांच कभी भी पूरी तरह निश्चित नहीं हो सकती है लेकिन खतरे की ये सूचनाएं अत्यधिक भरोसे वाले अलर्ट हैं. इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

पिछले वर्ष एक सर्वेक्षण से पता चला था कि दुनियाभर में लगभग 49 प्रतिशत संगठन कर्मचारियों के उपकरणों पर हमले या सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाने में असमर्थ हैं. साइबर सुरक्षा फर्म चेक पॉइंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले छह महीनों में मोबाइल मालवेयर से प्रभावित संगठनों का साप्ताहिक औसत 4.3 प्रतिशत था, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का औसत 2.6 प्रतिशत था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें