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देखते ही पहचान, पहचानते ही डेटा! सेकेंड्स में नाम से लेकर काम बता दे रहा AI चश्मा

AI Smart Glasses Spark RIP Privacy: सोशल मीडिया X प्लेटफॉर्म पर AI और ऑटोमेशन एक्सपर्ट Pascal Bornet ने AI ग्लासेस को लेकर एक पोस्ट जारी किया है. इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि, एआई चश्मे सिर्फ इंसान के चेहरे को देख कर सेकेंड्स में उनका नाम से लेकर उनके प्रोफेशन के बारे में सब कुछ बता रहा है.

AI Smart Glasses Spark RIP Privacy: Meta अपने AI स्मार्ट चश्मों को मार्केट में उतारने की तैयारी में जुटा हुआ है. वहीं, इसी बीच सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट ने यूजर्स के बीच प्राइवेसी को लेकर चिंता भी पैदा कर दी है. दरअसल, AI और ऑटोमेशन एक्सपर्ट Pascal Bornet ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया है, जिसके बारे में जानने के बाद आपके भी मन में प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े हो जाएंगे. Pascal Bornet ने अपने पोस्ट में लिखा है, “RIP Privacy — AI Glasses Can Now Recognize Anyone, Anywhere.” यानी कि AI स्मार्ट चश्मे के आने से अब प्राइवेसी नहीं बची, क्योंकि इसके जरिए आपको कोई भी कहीं भी बिना आपके पहचान बताए आपके बारे में जान सकता है. इसके बाद से ही यह यूजर्स के लिए चिंता का विषय बन गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में डिटेल्स में.

क्या है पोस्ट में?

Pascal Bornet ने अपने पोस्ट में बताया है, कि एक डच टेक जर्नलिस्ट ने हाल ही में ऐसे AI-स्मार्ट ग्लासेस पहनकर एक लाइव डेमो दिखाया, जिसमें उन्होंने सड़क पर चलते अनजान लोगों की पहचान करके दिखाई. ये चश्मा पलभर में सामने वाले का नाम, प्रोफेशन और यहां तक कि उसका LinkedIn प्रोफाइल तक निकालकर दिखा रहा था, वो भी बिना किसी सरकारी डाटाबेस या पुलिस सिस्टम की मदद लिए.

उन्होंने आगे लिखा है, कि “आप इसे कितनी भी पाबंदियों में बांध लें, इस पर नियम बना दें या इसे लेकर चेतावनी की लाल बत्तियां जला दें, लेकिन एक बार जब ऐसी टेक्नोलॉजी दुनिया में आ जाती है, तो कोई न कोई उसका इस्तेमाल करने का रास्ता निकाल ही लेता है. मेरे लिए यह एक बड़ा मोड़ है, क्योंकि अब इंसानों को सिर्फ देखने और उन्हें पूरी तरह जान लेने के बीच की रेखा धुंधली हो चुकी है. अब पब्लिक जगह पर होना सिर्फ “दिखना” नहीं रह गया, बल्कि “पूरी तरह से उजागर होना” बनता जा रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि जब हर चेहरा एक डेटा बन जाएगा, तो इंसान होने का मतलब, उसकी प्राइवेसी और उसकी पहचान को हम आखिर कैसे सुरक्षित रख पाएंगे?”

क्या है पूरा मामला?

डच टेक जर्नलिस्ट Alexander Klopping ने एक Netherlands के पॉपुलर टीवी शो में AI ग्लासेस पहनकर सड़क पर चलते अनजान लोगों की पहचान करके दिखाई. Klopping के इस डेमो सिर्फ इतना था, कि उन्होंने एक साधारण-से दिखने वाले स्मार्ट चश्मे से सड़क पर चल रहे लोगों को देखा, जिसके बाद चंद सेकंड में ही उनके सामने उन अनजान लोगों की पर्सनल डिटेल्स स्क्रीन पर आ जा रही थी, जो खुले तौर पर इंटरनेट पर मौजूद डेटा और आसानी से मिलने वाली AI टेक्नोलॉजी से निकाली जा रही थी. Klopping का साफ कहना था कि उनका मकसद लोगों को यह दिखाना था, कि आज के समय में चेहरे पहचानने वाली तकनीक कितनी आसान और कितनी खतरनाक हद तक हमारी प्राइवेसी में दखल देने वाली बन चुकी है.

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Shivani Shah
Shivani Shah
डिजिटल पत्रकारिता में 3 सालों का अनुभव है. प्रभात खबर में जूनियर टेक कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं. टेक्नोलॉजी कैटेगरी में ये स्मार्टफोन से लेकर टेक-टिप्स, गैजेट्स, एआई, सॉफ्टवेयर और डिजिटल ट्रेंड्स पर रिसर्च-बेस्ड, इन-डेप्थ और यूजर-फोकस्ड कंटेंट लिखती हैं. इसके अलावा ये ऑटोमोबाइल से जुड़ी खबरें भी लिखती हैं.

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