19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पृथ्वी से मंगल के बीच कार से सफर की तैयारी…जानें कैसे

अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष कार्यक्रम इतने खर्चीले होते हैं कि कई देशों की सरकारें भी इस पर आनेवाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हो पाती. लेकिन अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स ने अंतरिक्ष की दुनिया को बदलने का काम किया है. हाल ही में एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-एक्स ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट […]

अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष कार्यक्रम इतने खर्चीले होते हैं कि कई देशों की सरकारें भी इस पर आनेवाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हो पाती. लेकिन अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स ने अंतरिक्ष की दुनिया को बदलने का काम किया है. हाल ही में एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-एक्स ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट फाल्कन को छोड़ा, जो स्पेस को लेकर हमारी धारणा को बदल कर रख देने की क्षमता रखता है. खास बात यह है कि मस्क का यह रॉकेट अपने साथ उनकी लाल रंग की स्पोर्ट्स कार भी ले गया है. ऐसा पहली बार हुआ, जब कोई कार अंतरिक्ष पहुंची हो. यह मंगल मिशन का पहला टेस्ट था.
अंतरिक्ष में भटकी कार
अंतरिक्ष में भेजा गया यह स्पोर्ट्स कार कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से अपने टारगेट से भटक गया, यह अब सूर्य के आसपास के कक्ष में है. एलन मस्क के मुताबिक, फिर भी यह लाखों साल तक अंतरिक्ष में रह सकेगा. अपनी गलतियों को हमेशा मानने और सीखनेवाले मस्क के मुताबिक, यह एक टेस्टिंग मिशन था और इसमें गलतियों की गुंजाइश थी. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में यह कार किसी बड़ी चीज से शायद ही टकराये, क्योंकि यह काफी छोटी है, लेकिन क्षुद्र ग्रहों में जाने की स्थिति पर वह उनसे टकरा कर नष्ट हो सकती है.
फाल्कन हैवी रॉकेट के साथ थी टेस्ला की कार
फाल्कन हैवी रॉकेट का वजन लगभग 63.8 टन है, जो दो स्पेस शटल के वजन के बराबर होता है. तुम्हें जान कर आश्चर्य होगा कि इस रॉकेट में 27 मर्लिन इंजन लगे हैं. जमीन से उठने पर यह 50 लाख पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है, जिसे बोइंग-747 एयरक्राफ्ट के 18 प्लेन द्वारा मिला कर पैदा करने वाले थ्रस्ट के बराबर है.
230 फुट है इस हैवी रीयूजेबल रॉकेट की लंबाई
इस रॉकेट की लंबाई 230 फुट है. अंतरिक्ष मिशन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी रॉकेट के साथ कार को स्पेस में भेजा गया. फाल्कन हैवी रॉकेट के साथ टेस्ला की इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार रोडस्टर भेजी गयी. टेस्ला रोडस्टर कार के डैशबोर्ड पर डोंट पैनिक (घबराओ मत) मैसेज लिखा गया था. स्पेस-एक्स ने इस कार की ड्राइवर सीट पर स्टारमैन नामक एक पुतला भी बैठा कर भेजा है. वहीं, कार के सर्किट बोर्ड पर पृथ्वी पर इंसानों द्वारा निर्मित मैसेज भी लिखा है.
स्पेस को लेकर एलन मस्क की दीवानगी का असर
स्पेस-एक्स की सफलता में एलन मस्क की अहम भूमिका रही है. साइंस और टेक्नॉलजी के दीवाने एलन मस्क दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट पेमेंट सिस्टम में से एक पे-पल के को-फाउंडर रहे हैं. उन्होंने यह कंपनी बेच दी. इसके बाद उन्होंने जिप-2 नाम के पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर को तैयार किया, जिसका इस्तेमाल न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी बड़ी मीडिया कंपनियों ने भी किया. फिलहाल, एलन मस्क टेस्ला और स्पेस एक्स कंपनी के सीइओ हैं.
बुरे दौर से निकाला
किसी कंपनी को उसके बुरे दौर से बाहर निकालने में उसके लीडर का रोल सबसे अहम होता है. वर्ष 2002 में स्पेस-एक्स ऐसे दौर में आ चुका था कि उसके कुछ रॉकेट के टेस्ट फेल हो गये, टेस्ला कंपनी भी घाटे में चल रही थी. ऐसे में एलन मस्क भारी आर्थिक दबाव से जूझ रहे थे. मस्क ने खुद कहा था कि वर्ष 2008 तक उनके लिए सबसे बुरा दौर रहा, हर चीज बेकार साबित हो रही थी. हर सेक्टर में कुछ अलग करने की चाहत रखने वाले मस्क का मानना है कि इस दुनिया के अलावा दूसरी दुनिया भी तैयार करनी होगी.
लगातार इनोवेशन के दम पर उनका ख्वाब है कि वे कमर्शियल स्पेस इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी तैयार करें और लोगों को अंतरिक्ष की सैर करा सके. फिलहाल, स्पेस-एक्स तीन स्पेस व्हीकल तैयार कर चुकी है और यहां पांच हजार कर्मचारी लगातार स्पेस को एक्सप्लोर करने में जुटे हैं.
साउथ अफ्रीका में हुआ था मस्क का जन्म
वर्ष 1971 में साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया में एलन मस्क का जन्म हुआ था. उनके पिता एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे. बचपन से ही किताबों और टेक्नॉलजी से घिरे रहनेवाले मस्क ने क्वींस व स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री ली.
टेस्ला रोडस्टर में क्या है खास
इस मिशन के लिए एलन मस्क ने अपनी ही कार चुनी. उनकी टेस्ला रोडस्टर एक इलेक्ट्रिक कार है. यह कार सिर्फ 2 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सड़कों पर दौड़ लगा सकती है. इस कार की अधिकतम रफ्तार 400 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसे एक बार चार्ज करने के बाद करीब एक हजार किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है. परंतु, इस कार की ये सारी ताकत और खूबियां जीरो ग्रेविटी में काम नहीं करेंगी. इस कार को पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच में मौजूद एक ऑर्बिट में स्थापित हो जाना था, जो सूर्य के लगातार चक्कर लगाती रहती.
मंगल पर इंसानों की बस्ती बसाने की परियोजना का हिस्सा
फाल्कन हैवी रॉकेट में कार को अंतरिक्ष में भेजना मंगल पर इंसानों की बस्ती बसाने की स्पेस-एक्स की योजना का हिस्सा है. अपनी योजना को एलन मस्क दुनिया के सामने पेश कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने बताया था कि सारे शुरुआती प्रयोगों के बाद वे एक बार में 100 लोगों को मंगल पर ले जायेंगे और उनकी बस्ती वहां बसा देंगे. इसके लिए जिस हैवी स्पेसक्राफ्ट जरूरत थी, उसे बनाया जा चुका है. स्पेस-एक्स के मुताबिक एक आदमी के मंगल पर जाने का खर्च भी एक लाख डॉलर से ज्यादा नहीं होगा. एलन मस्क को उम्मीद है कि वे अपने जीवनकाल में ही एक ऐसा रॉकेट मंगल पर भेजने में कामयाब हो जायेगे. मस्क के मुताबिक, वर्ष 2024 तक ऐसा पहला मानव मिशन मंगल पर जाने की स्थिति में होगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel