ऑनलाइन लर्निंग की बढ़ती लोकप्रियता ने एड-टेक इनोवेटर्स के लिए मौके और चुनौतियां दोनों बढ़ा दी हैं. किसी भी कोर्स को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करके ही साख को बेहतर बनाया जा सकता है और इसमें इंस्ट्रक्टर की भूमिका सबसे अहम होती है. ऑनलाइन कोर्स की विश्वसनीयता बढ़ाने और बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने के लिए कुछ खास तरीके और तकनीकें मददगार साबित हो सकती हैं…
ऑनलाइन लर्निंग के दौरान सबसे बड़ी चुनौती छात्रों के मूड को भांपे बिना कंटेंट और बेहतर प्रजेंटेशन के बल पर लंबे वक्त तक जोड़ रखने की होती है. हालांकि, यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि सामनेवाले छात्र की टेक्नोलॉजी पर कितनी रुचि और किस स्तर तक पकड़ है. आज के जमाने में जब ज्यादातर टेक-सेवी युवा पारंपरिक पढ़ाई के इतर ऑनलाइन स्टडी मटीरियल्स पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं, ऐसे में बेहतर कंटेंट और प्रभावी प्रजेंटेशन का महत्व बढ़ना स्वाभाविक है. ज्यादातर संस्थान ऑनलाइन कोर्स को डिजाइन करते समय इस बात पर विशेष ध्यान रखते हैं कि स्टडी मटीरियल्स सहज हो, जहां छात्र आसानी से सीखने की शुरुआत कर सकें.
लर्नर्स को जोड़ें
किसी भी ऑनलाइन कोर्स की आधिकारिक शुरुआत से कई हफ्ते पहले ही छात्र साइन-अप शुरू कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि कोर्स में शामिल होनेवाले छात्राओं की इ-मेल के जरिये जिज्ञासों को इकट्ठा कर उसके अनुरूप कोर्स को डिजाइन किया जाये. इस प्रकार कोर्स का कंटेंट बेहतर होगा और छात्रों की कोर्स में रुचि बढ़ेगी. छात्रों को भी चाहिए कि किसी भी कोर्स को शुरू करने से पहले उसके उद्देश्य, जॉब मार्केट में डिमांड, स्टडी मटीरियल्स की विश्वसनीयता की बारीकी से परख करें.
न बनने दें गलत धारणा
कई बार ऑनलाइन कोर्सेज के दौरान ऐसा प्रतीत होने लगता है कि इंस्ट्रक्टर टीचिंग के बजाय खुद ही लर्निंग में लगा है. इसका यह मतलब लगा लिया जाता है कि इंस्ट्रक्टर पूर्ण रूप से कंटेंट पर ही निर्भर है और वह विश्लेषण कर पाने में सक्षम नहीं हैं. ऑनलाइन डिलीवरी के लिए पहले से ही डिजाइन और तैयार किया गया कोर्स इंस्ट्रक्टर की कमजोरी की वजह से कई बार प्रभावी नहीं हो पाता.
ऐसे में सक्सेसफुल लर्निंग के लिए कोर्स मैनेजमेंट स्ट्रेटजी, असाइमेंट मॉनिटरिंग और कम्युनिकेशन पर विशेष रूप से गौर करना होता है.
स्किल पर करें फोकस
जिस प्रकार से ड्राइविंग करते समय लेन चेंज करना, स्ट्रीट साइन परखना, ब्रेक आदि लगाना सीखना होता है, वैसे ही ऑनलाइन लर्निंग या टीचिंग के दौरान भी कुछ जरूरी स्किल पर फोकस करना होता है.
चाहे आप पियानो सीख रहें हों या कैल्कुलस के सवालों पर माथापच्ची, बेसिक पर पकड़ बनाये बगैर आप किसी भी क्षेत्र में मास्टर नहीं बन सकते हैं. ऑनलाइन कोर्स के दौरान छात्रों को कंपोनेंट स्किल पर पकड़ बनानी होती है. व्यक्तिगत तौर पर और लर्निंग के हर स्तर पर प्रैक्टिस जरूरी है. स्किल निखारने में इंस्ट्रक्टर को प्रजेंटेशन के माध्यम से बेहतर लर्निंग के लिए माहौल तैयार करना होता है.
