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अगर कोई आपको फेसबुक पर लिंक भेज रहा है तो, क्लिक करने से पहले इस खबर को जरूर पढ़ लें
फिशिंग के जरिये हैकिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. फिशिंग में हैकर्स मैलवेयर लिंक के जरिये सायबर अटैक करते हैं. फेसबुक यूजर्स के इनबॉक्स में इमोजी के साथ एक लिंक मिल रही है. दोस्त के अकाउंट से आये लिंक पर यूजर आसानी से क्लिक कर देते हैं. इस लिंक पर क्लिक करना यूजर […]
फिशिंग के जरिये हैकिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. फिशिंग में हैकर्स मैलवेयर लिंक के जरिये सायबर अटैक करते हैं. फेसबुक यूजर्स के इनबॉक्स में इमोजी के साथ एक लिंक मिल रही है. दोस्त के अकाउंट से आये लिंक पर यूजर आसानी से क्लिक कर देते हैं. इस लिंक पर क्लिक करना यूजर को मुश्किल में डाल सकता है.
क्या है ये लिंक – फेसबुक पर इनबॉक्स में इमोजी के साथ एक लिंक मिल रहा है. इस लिंक के जरिये पर्सनल इन्फार्मेशन ट्रेस की जा सकती है. इस लिंक से यूजर आसानी से कंफ्यूज हो जाता है और इसे कोई सामान्य लिंक समझकर क्लिक कर देता है.
फंस सकते हैं मुसीबत में- क्लिक करने पर यह लिंक एक अलग विंडो पर खुलेगा, जिसमें एक-बाद-एक कई डायलॉग बॉक्स खुलेंगे. आप जिस पेज पर पहुंचते हैं, वह उसका ‘यूजर इंटरफेस’ यानी लुक बिल्कुल Youtube जैसा है, जिससे कोई भी धोखा खा सकता है. यूजर इसे Youtube वेबसाइट समझकर उस पर क्लिक कर देंगे. इस पर क्लिक करने के बाद नया डायलॉग बॉक्स नजर आएगा, जहां आगे की प्रक्रिया के लिए Depiv या किसी अन्य नाम से का एक्सटेंशन एड करने का ऑप्शन होगा. इस एक्सटेंशन को एड करने के साथ ही आप इस जालसाजी में पूरी तरह से फंस जायेंगे.
पहुंच जाएगी डिटेल- इस एक्सटेंशन से हैकर्स आपके सिस्टम की सारी गतिविधियों पर नजर रखेंगे. यूजरनेम, पासवर्ड बैंकिंग डिटेल समेत जरूरी जानकारी हैकर्स तक पहुंच जायेगी. दरअसल, लास्ट स्टेप में यूजर जिस एक्टेंशन को अपने ब्राउजर में एड करेगा, वह बहुत बड़ा स्कैम है, जिसके जरिये लाखों की जालसाजी बड़ी ही आसानी से की जा सकती है. हैकर्स आपसे इन डिटेल के बदले फिरौती की मांग भी कर सकते हैं.
क्या है फेसबुक पॉलिसी- फेसबुक पर स्कैम और मैलवेयर ज्यादा समय तक नहीं चल पाते हैं और जैसे ही साइट के डेवलपर्स को इस तरह के किसी मैलवेयर की जानकारी मिलती है, ऐसी लिंक हटा ली जाती हैं. हालांकि, तब तक कई यूजर हैकर्स का शिकार बन चुके होते हैं और ऐसे में फेसबुक भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाता है. इससे बचने के लिए सतर्कता ही एक मात्र विकल्प है.
कैसे करें बचाव- इस तरह के स्कैम कोसाइट पर भले ही रोक लिया जाये, लेकिन ऐसे लोगों को पकड़ना मुश्किल होता है. ये हैकर्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं.
बेहतर यही होगा कि यूजर अलर्ट रहे. यूजर्स को किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. अगर गलती से क्लिक कर भी दिया है, तो इस लिंक में मौजूद EXIT प्रोसेस को फॉलो न करें, क्योंकि उस प्रोसेस में भी आपको स्कैम में फंसाया जा रहा होगा.
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