बाइस हजारी वक्फ बोर्ड के सैयद हबीबुल मूसवी ने बताया कि गाजल ब्लॉक के पांडुआ मौजा (जे.एल नं. 33) के अंतर्गत 42 प्लॉट करीब 29.18 एकड़ व देवतला मौजा में (जे.एल न. 172) के अंतर्गत 87 प्लॉट करीब 59.91 एकड़ जमीन गैरकानूनी ढ़ंग से हथिया लिया गया है. उक्त जमीन कई व्यक्तियों के नाम पर बताया जा रहा है.
दोनों मौजा मिलकर कुल 270 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. जिसकी वर्तमान बाजार कीमत केकरीब 150 करोड़ रुपये है. आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में तत्कालीन बीएलआरओ व कई अधिकारियों की मिलीभगत से यह जमीन कई लोगों के नाम पर दर्ज कर दी गयी. उस वर्ष की जांच में जमीन को गैरकानूनी रुप स्थानांतरित किया जाना प्रमाणित हो गया. उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2014 के 10 मार्च को राज्य के मुख्य सचिव एवं राज्यपाल कार्यालय की ओर से जिला प्रशासन से जमीन की रिपोर्ट मांगी गयी थी. फिर सितंबर महीने में भी जानकारी मांगी गयी. राज्य सरकार की ओर से बार-बार जांच कर रिपोर्ट सौंपने का दवाब बनाने के बाद भी मामले की जांच नहीं हुयी. इसके बाद वर्ष 2015 में वक्फ बोर्ड की और से विजिलेंस में शिकायत दर्ज करायी गयी. इस वर्ष भूमि व भूमि सुधार विभाग के एसडीएलआर असित मंडल ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा होने की बात को स्वीकार किया है. उसके बाद भी कोई कार्यवाइ नहीं की गयी. जमीन वापस ना मिलने पर वक्फ बोर्ड ने जोरदार आदंलोन की धमकी दी है. बोर्ड ने राज्य सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट में मामला दायर करने की भी बात कही है.

