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नक्सलबाड़ी आंदोलन की स्वर्ण जयंती पर लाल सैलाब, कई राज्यों से पहुंचे समर्थक, निकाली रैली

शहीद क्रांतिकारियों को किया ‘लाल सलाम’ सिलीगुड़ी : ऐतिहासिक नक्सलबाड़ी किसान आंदोलन की स्वर्णजयंती के मौके पर गुरुवार को नक्सलियों ने नक्सलबाड़ी, सिलीगुड़ी व अन्य कई जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये. नक्सलबाड़ी और सिलीगुड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी के बैनर तले आयोजित महारैली और जनसभाओं […]

शहीद क्रांतिकारियों को किया ‘लाल सलाम’
सिलीगुड़ी : ऐतिहासिक नक्सलबाड़ी किसान आंदोलन की स्वर्णजयंती के मौके पर गुरुवार को नक्सलियों ने नक्सलबाड़ी, सिलीगुड़ी व अन्य कई जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये.
नक्सलबाड़ी और सिलीगुड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी के बैनर तले आयोजित महारैली और जनसभाओं में देश के दूसरे राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तेलांगना, पंजाब से भी भारी तादाद में नक्सलियों का जन सैलाब उमड़ा. इस दौरान लाल झंडों से पूरा शहर लाल रंग में रंगा दिख. रैली और जनसभाओं के मारफत नक्सलियों ने शहीद क्रांतिकारियों को ‘लाल सलाम’ कर श्रद्धांजलि दी. साथ ही नक्सली आंदोलन के जनक चारू मजूमदार, जंगल संथाल और कानू सान्याल के सपनों को पूरे करने का संकल्प लिया.
सिलीगुड़ी में भाकपा (माले) लिबरेशन की राज्य कमेटी के बैनर तले आयोजित महारैली, केंद्रीय कमेटी सदस्य तथा शहीद चारू मजूमदार के बेटे अभिजीत मजूमदार और अन्य केंद्रीय नेताओं की अगुवाई में मल्लागुड़ी से शुरू हुई. रैली सिलीगुड़ी जंक्शन, हिलकार्ट रोड, एयरव्यू मोड़, हाशमी चौक, कचहरी रोड, टाउन स्टेशन, बागराकोट, सुभाषपल्ली होते हुए बाघाजतीन पार्क में पहुंचकर जनसभा में तब्दील हो गयी. यहां नक्सलियों ने नक्सलबाड़ी आंदोलन के शहीद क्रांतिकारियों की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पण किया.
साथ ही विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं ने शोषित किसानों, श्रमिकों के अलावा हर तबके की जनता, छात्र-युवाओं व प्रगतिशील जनवादी व्यक्तियों को एकबार फिर एकजुट होकर लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने और आंदोलन को जीवंत करने की हुंकार भरी. अभिजीत मजूमदार ने कहा कि आज ही के दिन 1967 में सिलीगुड़ी महकमा के नक्सलबाड़ी में किसान आंदोलन की नींव रखी गयी थी. उन्होंने आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नक्सली आंदोलन ने इंदिरा सरकार द्वारा जबरन थोपे गये फासीवादी आपातकाल, कांग्रेसी शासन के एक के बाद एक काले कानूनों समेत ऑपरेशन ग्रीन हंट की मार को झेला है.
आज देश की वर्तमान राजनीति भी उसी तरह ही है और देश पर संकट का बादल मंडरा रहा है. फिलहाल आरएसएस-भाजपा सरकार के हिटलरी कुचक्र में फंसे देश में बहुलतावादी संस्कृति व पहचान पर संकट मंडरा रहा है. साथ ही किसानों, श्रमिकों के जनवादी संघर्षों पर बढ़ता पुलिस व सैनिक प्रहार तथा छात्रों, युवाओं व बुद्धिजीवियों के विचारों, अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी एवं शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में बढ़ता शासन-प्रशासन का हस्तक्षेप फासीवाद के बढ़ते खतरे का पूर्वाभास है. नक्सलबाड़ी के बेंगाईजोत स्थित शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि दी गयी. नक्सलियों ने स्थानीय बस स्टैंड के नजदीक भी विशाल जनसभा आयोजित की.

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