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लिपिस्टिक-काजल के लिए भी लगेगा आधार !

सीएम ने मोदी सरकार व भाजपा पर जमकर बोला हमला, कहा डीएसए मैदान में शिलान्यास व उदघाटन कार्यक्रम में संबोधन मालदा : आधार कार्ड को सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. गुरुवार दोपहर को डीएसए मैदान में विभिन्न सरकारी योजनाओं […]

सीएम ने मोदी सरकार व भाजपा पर जमकर बोला हमला, कहा
डीएसए मैदान में शिलान्यास व उदघाटन कार्यक्रम में संबोधन
मालदा : आधार कार्ड को सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. गुरुवार दोपहर को डीएसए मैदान में विभिन्न सरकारी योजनाओं के सामूहिक शिलान्यास व उदघाटन कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे हालात बनाये जा रहे हैं कि अब दिल धड़कने के लिए आधार कार्ड चाहिए. सुबह से लेकर रात तक सामने आधार कार्ड लटकाकर रखने से ही सब हो जायेगा. किसी को खाने की जरूरत नहीं होगी, आधार कार्ड से ही पेट भर जायेगा.
ऐसा लग रहा है कि लिपिस्टिक और काजल के लिए आधार कार्ड लगेगा. सुबह नींद खुलते ही आधार कार्ड को प्रणाम कीजिए. बोल रहे हैं कि गाय का आधारा कार्ड बनायेंगे. इसके बाद बकरी और मुरगी के लिए भी आधार कार्ड चाहिए होगा. असल में यह सब मूल समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश है. एक स्थानीय भाजपा नेता की टिप्पणी पर प्रहार करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मेरे जन्म पर सवाल उठाये जा रहे हैं. मेरे माता-पिता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. मेरी जन्मभूमि को लेकर सवाल किया जा रहा है. यहां तक मुझे पुरी मंदिर में घुसने से रोकने की कोशिश की गयी. यह नहीं भूलें कि मैं चंडीपाठ करती हूं. घर में कालीपूजा करती हूं. धर्म हम भी जानते हैं. बंगाल की माटी ही मेरी धर्मभूमि है.
भाजपा पर हमले को और तेज करते हुए उन्होंने आगे कहा कि तृणमूल के एक नेता के जेल जाने पर भाजपा के बहुत से नेताओं को जेल जाना होगा. बच्चों की तस्करी में छुप-छुप कर किसने क्या-क्या किया है, सब रिकॉर्ड है. जरूरत पड़ी तो सबकी फाइल खुलेगी. ओड़िशा की यात्रा के दौरान वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से नहीं मिलने के लिए मुझे डराया गया. मैंने चुनौती देते हुए कहा कि आप लोग मेरा गला काट सकते हैं, लेकिन किसी से मिलने का शिष्टाचार पूरा करने से नहीं रोक सकते.
अत्रेयी नदी पर बना बांध हटाये बांग्लादेश : ममता
दक्षिण दिनाजपुर जिले से गुजरने वाली अत्रेयी नदी के बदहाल स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जतायी है. उन्होंने बांग्लादेश से अपने इलाके में अत्रेयी नदी पर बने बांध को हटाने की मांग की है. मुख्यमंत्री के इस तेवर से जिलावासी काफी खुश हैं. अत्रेयी नदी को बचाने के लिए संघर्षरत यहां के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस तेवर का स्वागत किया है.
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों कूचबिहार दौरे के दौरान भी अत्रेयी नदी पर बने बांध का मुद्दा उठाया था. बांग्लादेश जहां तीस्ता नदी का पानी लेने के लिए बार-बार दबाव बना रहा है, तो ऐसे में अत्रेयी नदी को लेकर ममता बनर्जी का निर्णय भी सही है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दिवसीय दक्षिण दिनाजपुर दौरे पर आयी थीं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश द्वारा अत्रेयी नदी पर बांध बनाने से इस जिले के लोगों को परेशानी हो रही है. यह बात उनकी जानकारी में है. इस मुद्दे को कुछ महीने पहले स्थानीय तृणमूल सांसद अर्पित घोष ने संसद में उठाया था. एक बार फिर से इस मुद्दे को संसद में उठाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला है. राज्य सरकार चाहकर भी इसमें कुछ नहीं कर सकती. लेकिन वह इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप की मांग करेंगी. वह केंद्र सरकार को शीघ्र ही एक चिट्ठी लिखने वाली हैं.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जब भी तीस्ता नदी के पानी बंटवारे को लेकर बातचीत हो, तो अत्रेयी नदी का मुद्दा भी उठना चाहिए. यहां यह बता दें कि अत्रेयी नदी बांग्लादेश से ही निकलती है और भारतीय सीमा क्षेत्र कुमारगंज ब्लॉक के समझिया से बालूरघाट ब्लॉक के डांगी तक 58 किलोमीटर की दूरी तय कर वापस बांग्लादेश में मिल जाती है. बांग्लादेश में दिनाजपुर जिले के फूलबाड़ी रोड मोहनपुर इलाके में अत्रेयी नदी तक बांध बना दिया है. इसका नाम रबर डैम है. इसी बांध की वजह से भारतीय सीमा क्षेत्र में अत्रेयी नदी एक तरह से सूख गयी है.
स्थानीय लोग काफी दिनों से बांग्लादेश से इस बांध को हटाने की मांग करते रहे हैं. कई बार इसको लेकर आंदोलन भी हुआ है, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद यहां के लोग इस समस्या के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.
बुद्धिजीवियों की सभा आज
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को बुद्धिजीवियों को लेकर कलकत्ता यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट हॉल में एक सभा का आयोजन किया जायेगा. इस सभा के आयोजन का जिम्मा सुबोध सरकार व निर्वेद राय को सौंपा गया है. तृणमूल कांग्रेस की इस सभा में अरिंदम शील, द्विजेन गांगुली, तुषार शील, अभिरूप सरकार, ब्रात्य बसु सहित टॉलीवुड के अभिनेता व अभिनेत्री भी उपस्थित रहेंगे. साथ ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से महासचिव सुब्रत बक्शी, उपाध्यक्ष मुकुल राय व प्रदेश महासचिव पार्थ चटर्जी, शोभन चटर्जी और अरूप विश्वास भी उपस्थित रहेंगे. इस संबंध में तृणमूल नेताओं का कहना है कि बंगाल में सांप्रदायिक शक्तिओं के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए इस सभा का आयोजन किया गया है.
महली दंपती पर भी दिया जवाब
सिलीगुड़ी के नक्सलबाड़ी के महली दंपती को जबरन तृणमूल में शामिल करने के भाजपा के आरोप का मुख्यमंत्री ने कड़ा जवाब दिया. उन्होंने कहा, केंद्र के एक मंत्री कह रहे हैं कि नक्सलबाड़ी की घटना को लेकर बदले की कार्रवाई की जा रही है. मैं आश्चर्यचकित हूं. कैसे इतना बड़ा झूठ बोला गया. मैंने डेरेक ओ’ब्रायन को इसका कड़ा जवाब देने को कहा है.
सीबीआइ का राजनीतिक इस्तेमाल
ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआइ को राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल कर रही है, यह तो स्पष्ट हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मीडिया को डरा-धमकाकर खरीद लिया है. भाजपा के खिलाफ लिखनेवालों को सरकारी एजेंसियों के सहारे डराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सोशल साइटों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ झूठा प्रचारा करवा रही है. कभी फैलाया जाता है कि दक्षिणेश्वर में मंगलारती बंद हो गयी है, तो कभी झूठी तसवीरें लगाकर बताया जा रहा है कि पश्चिम गंगाल में पीट-पीटकर हत्या की जा रही है. इन सबके पीछे मंशा दंगा कराने की है. सोशल नेटवर्किंग पर झूठे प्रोफाइल बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है.

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