पीएमएलए काननू के तहत सात साल की अधिकतम सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है. यह मामला 2011 का है जब प्रवर्तन निदेशालय ने अलाउद्दीन के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी. आरोपी के खिलाफ यहां नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो व मादक पदार्थ रोधी कानून के तहत मामला दर्ज हुआ था.
उन्होंने कहा कि एनसीबी ने उस पर ‘मादक पदार्थ अवैध रूप से रखने’ का आरोप लगाया था. केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन के अपराध की जांच का जिम्मा संभाला था. देश में इस कानून के तहत पहली दोषसिद्धि इस साल जनवरी में हुई थी, जब रांची की एक अदालत ने झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को दोषी ठहराते हुए उन्हें सात साल का सश्रम कारावास व पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. पीएमएलए 2002 में पारित हुआ था और 2005 में लागू हुआ था. इसका उद्देश्य कर चोरी और कालेधन के गंभीर अपराधों से निपटना था.