श्री पंडित ने जेहादियों द्वारा बंगाल को सबसे सुरक्षित गढ़ बनाये जाने की वजह वर्तमान ममता सरकार की नीतियों को बताया. उनका कहना है कि राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. बांग्लादेश और नेपाल सीमाओं से जेहादी बड़ी आसानी से बंगाल में घुसपैठ कर जाते हैं और उन्हें राज्य सरकार के नुमाइंदे सह देते हैं. बांग्लादेशी नागरिक हर वर्ष बड़े पैमाने पर बंगाल में घुसपैठ कर रहे हैं. यहां उन्हें भारतीय राशन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य हरेक सरकारी दस्तावेज चंद दिनों में ही मुहैया हो जाता है. जबकि आम लोगों को जरूरी सरकारी दस्तावेज बनाने में महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं.
श्री पंडित ने कहा कि राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के वजह से ही बंगाल में राष्ट्र विरोधी तत्वों को बढ़ावा मिला है. इसका ताजा उदाहरण दक्षिण बंगाल का वर्धमान बम विस्फोट कांड है. इसकी तफ्तीश करते हुए सुरक्षा एजेंसी एनआइए ने कई चौंकानेवाले राज उजागर किये थे. एनआइए ने जांच के दौरान पाया था कि ममता सरकार के नुमाइंदों द्वारा कई जेहादी संगठनों को राज्य में शह दी गयी है.
राज्य में हिंदू जनसंख्या पर बढ़े अत्याचार पर श्री पंडित ने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि बीते वर्ष 13 और 14 दिसंबर को बंगाल के धूलागढ़ में 40 हिंदू परिवार के घरों को जलाना, मारकाट, लूटपाट, महिलाओं के साथ सरेआम बदसलूकी जैसी जघन्य वारदात पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे कट्टरपंथियों ने अंजाम दी. कालियाचक, कटवा, कलिग्राम, इलामबाजार, कोलकाता के मटियाबुर्ज व अन्य वारदातों में भी जेहादी कट्टरपंथियों का ही हाथ था. इसकी आधिकारिक पुष्टि होने के बावजूद राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की.
उनका कहना है कि सरकार पहले उन गैर-सरकारी मदरसों को बंद कराये जहां मासूमों को धर्म के नाम पर कट्टरपंथ और जेहाद की शिक्षा दी जाती है. विद्या भारती द्वारा संचालित सभी विद्यालय पश्चिम बंगाल सरकार से मान्यता प्राप्त सरकारी स्कूल हैं, जहां बंगाल बोर्ड के सिलेबस के तहत ही बच्चों को अनुशासित और संस्कारपूर्ण शिक्षा दी जाती है. उन्होंने बताया कि विद्या भारती द्वारा संचालित पूरे उत्तर बंगाल में कुल 106 और पूरे बंगाल में 230 स्कूल हैं. प्रति स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या 800 के आसपास है. अधिकांश स्कूलों में दूसरे धर्मों से जुड़े बच्चे भी बड़ी संख्या में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.