फरवरी के महीने में यह बाजार में आता है. दूसरे जिलों और पड़ोसी राज्यों के थोक व्यापारी भी यह बैगन खरीदने आते हैं. लेकिन नकदी के अभाव में बैगन किसानों का भट्ठा बैठ गया है. बागवानी विभाग के जिला उप-निदेशक राहुल चक्रवर्ती ने बताया कि जिले में नवाबगंज नामक एक जगह है जहां के नाम यह बैगन मशहूर है. लेकिन अभी यह बैगन मालदा जिले की करीब 169 हेक्टेयर जमीन पर उगाया जा रहा है.
जिले के ओल्ड मालदा ब्लॉक की महिषबाथानी ग्राम पंचायत के डांगापाड़ा, नवाबगंज, सांजाइल, गाजोल ब्लॉक की पांडुआ और बेरगाछी ग्राम पंचायतों के कुतुबपुर, दिघोलकियारी और चंद्राइल, रतुआ-1 ब्लॉक की महाराजपुर ग्राम पंचायत के राजापुर गांव में इसकी मुख्य रूप से खेती होती है. सफेद और हरे रंग के इस बैगन का आकार काफी बड़ा होता है. एक बैगन का वजन तीन पाव से लेकर दो किलो तक होता है. एक पेड़ में सात लेकर दस तक बैगन फलते हैं. इस बार जिले में करीब 4800 मीट्रिक टन नवाबगंज बैगन का उत्पादन हुआ है, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे हैं.