विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 10 जनवरी को विश्वविद्यालय प्रबंधन की एक बैठक हुयी है. विश्वविद्यालय कोर्ट कमिटी में सदस्यों की कुल संख्या 36 है. एक तिहाई सदस्य उपस्थित रहने पर बैठक को वैध माना जाता है.
मंगलवार को हुयी बैठक में कोर्ट कमिटी में शामिल विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापक , विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागीय प्रधान सहित कुल 17 सदस्य उपस्थित थे. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि राज्यपाल से अनुमोदन मिलने के बाद ही डी लीट व डीएससी की उपाधि प्रदान की जायेगी. इसके डी लीट व डीएससी पाने वाले उम्मीदवारों की एक तालिका राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के पास भेज दी गयी है. प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठा दिवस 19 फरवरी को दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजन करने की योजना बनाई गयी थी. लेकिन राज्यपाल की व्यस्तता से समारोह की तिथि में बदलाव किया गया है. गौड़बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गोपाल चंद्र मिश्र ने बताया कि राज्यपाल की व्यवस्तता की वजह से दीक्षांत समारोह की तिथि तय नहीं हुयी है. फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के प्रथम सप्ताह में समारोह किये जाने की योजना है. श्री मिश्र ने डी लीट व डीएससी की उपाधि पाने वाले उम्मीदवारों के संबंध में कुछ नहीं बताया. उन्होंने कहा कि यह काफी गोपनीय विषय है. राज्यपाल के अनुमोदन के पहले इसका खुलासा नहीं किया जा सकता.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीलीट की उपाधि के लिये एक बंगाली संगीत कलाकार व एक समाज विज्ञानी का नाम प्रस्तावित किया गया है. संगीत कलाकार में प्रतुल मुखर्जी, द्विजन मुखर्जी एवं अनूप घोष का नाम आगे है. समाज विज्ञान से डीलीट की उपाधि प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की तालिका में अध्यापक अभिरूप सरकार के नाम पर विचार किया जा रहा है. डीएससी उपाधि पाने वालों की तालिका नहीं बनाई गयी है. दीक्षांत समारोह आयोजन के संबंध में 22 जनवरी तक राज्यपाल का पत्र विश्वविद्यालय प्रबंधन तक पहुंचने की संभावना जतायी जा रही है.