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पार्सल बमकांड: हाइ स्कूल की शिक्षिका की हुई थी हत्या, दोनों दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

मालदा: मालदा में पार्सल बम से हाइ स्कूल शिक्षिका की हत्या के मामले में दोषी करार दिये गए दोनों मुजरिमों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. गुरूवार को एडिशनल सेशन जज आशीष देव की अदालत ने दोनों को यह सजा सुनायी.इसके साथ ही दोनों को दस हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया […]

मालदा: मालदा में पार्सल बम से हाइ स्कूल शिक्षिका की हत्या के मामले में दोषी करार दिये गए दोनों मुजरिमों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. गुरूवार को एडिशनल सेशन जज आशीष देव की अदालत ने दोनों को यह सजा सुनायी.इसके साथ ही दोनों को दस हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं चुका पाने पर दोनों को और एक साल कैद की सजा काटनी होगी.आज इस मामले में अदालत द्वारा सजा दिये जाने की घोषणा से अदालत परिषर में लोगों की भारी भीड़ थी.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बम विस्फाट की यह घटना वर्ष 2011 के 24 अप्रैल को मालदा शहर के मालंचपल्ली इलाके एक घर में घटी थी. जिसमें हाइ स्कूल की शिक्षिका अपर्णा विश्वास की मौत हो गयी थी. वह शहर के रामकिंकर हाइ स्कूल की शिक्षिका थीं.वह गाजोल की रहने वाली थी,लेकिन नौकरी को लेकर वह मालंचपल्ली में किराये का एक मकान लेकर रहती थीं. बम विस्फोट की घटना के बाद पुलिस और सीआइडी ने इस मामले की जांच शुरू की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह शिक्षिका अपने किराये के मकान में अकेली ही रहती थी. मोबाइल फोन पर उसकी जान पहचान ओल्ड मालदा थाना अंतर्गत मंगलबाड़ी इलान के रहने वाले प्रिंस घोष के साथ हुयी. उसने अपने आप को एक इंजीनियर बताया था. धीरे-धीरे दोनों के बीच संपर्क काफी प्रगाढ़ हो गया. बाद में पता चला के वह इंजीनियर नहीं बल्कि साधायरण इलेक्ट्रिक मिस्त्री है. इस बात का पता लगने के बाद शिक्षिका अपर्णा ने उसके साथ दूरी बढ़ा दी. उसके बाद प्रिंस ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. पुलिस ने प्रिंस के साथ ही राजकुमार रीषि को भी गिरफ्तार किया था. इसके बाद से यह मामला अदालत में विचाराधीन था. इन दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302(हत्या)और विस्फोटक से हमला का धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया. बुधवार को सुनवायी के दौरान अदालत ने इन दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया.

आज गुरूवार को इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी.

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना में मृत अपर्णा विश्वास(26) की हत्या पार्सल में बम भेजकर की गयी. कूरियर सर्विस के माध्यम से विस्फोटकों से भरा एक पैकेट पार्सल के तौर पर शिक्षिका के घर भेजा गया. उसे खोलते ही एक धमाका हुआ और शिक्षिका की मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद पुलिस व खुफिया विभाग ने मामले की जांच शुरू की और कालियाचक से दोनो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया है कि मुख्य मुजरिम प्रिंस की राजकुमार के साथ जान-पहचान थी. अपर्णा ने जब दूरी बनानी शुरू कर दी तो प्रिंस ने उसकी हत्या की योजना बना दी.राजकुमार ने ही उसे पार्सल बम दिया था. पांच सौ पन्ने की किताब को बीच में काटकर उसमें बम रखा गया था.बाद में उसे गाजोल से कोरियर किया गया.जांच के क्रम में इसी कोरियर कंपनी ने दोनों की जानकारी पुलिस को उपलब्ध करायी थी. उसके बाद ही दोनों को धर लिया गया.
शिक्षिका के परिवार वाले निराश: दानों मुजरिमों को आजीवन कारावास की सजा मिलने से शिक्षिका के परिवार वाले थोड़ा निराश हैं. इनलोगों ने दोनों को फांसी देने की मांग की है.शिक्षिका के पिता स्वरूप रंजन विश्वास ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि दोनों दोषियों को फांसी की सजा होगी. दोनों को आजीवन कारावास की सजा से वह खुश तो हैं,लेकिन यदि दोनों को फांसी की सजा होती तो वह और अधिक खुश होते.
वकील करेंगे अपील
दोनों दोषियों के वकील प्रबीर झा ने अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद शीघ्र ही हाइकोर्ट में अपील करेंगे. सरकारी वकील तड़ित ओझा ने बताया है कि शिक्षिका के हत्या मामले में कुल 32 लोगों की गवाही हुयी थी. पांच साल तक मामला चलने के बाद दोनों दोषियों को सजा दी गयी है.

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