स्थिति यह है कि घर के पुरुषों के काम पर असर न पड़े, इसके लिए महिलाएं सुबह से ही कतार में लग जा रही हैं. बुधवार के दिन भी सिलीगुड़ी के विभिन्न बैंकों तथा एटीएम में लोगों की भारी भीड़ लगी रही. खासकर सरकारी बैंकों की स्थिति तो काफी खराब है. स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक आदि जैसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाओं में लोगों की भारी भीड़ लगी हुई है. आम लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है. लाइन में लगे रहने के दौरान आपस में भिड़ने की भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. हालांकि राहत की बात यह कि कोटक महिन्द्रा बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा एक्सिस बैंक जैसे निजी बैंकों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. इन बैंकों में ग्राहकों की संख्या कम होने से लोग अपने पुराने नोट आसानी से जमा कर पा रहे हैं. हालांकि पुराने नोटों को नये नोटों में बदलने की प्रक्रिया यहां भी काफी जटिल है.
व्यवसायियों को लगता है कि बैंकों की लाइनों में कुछ बदमाश भी हो सकते हैं, जो मोटी रकम जमा कराने आने वाले व्यवसायियों के पैसे छीकर फरार हो सकते हैं. इस मामले को लेकर सिलीगुड़ी मर्चेन्ट एसोसिएशन (एसएमए) ने सिलीगुड़ी की पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा को एक ज्ञापन दिया है. संगठन के अध्यक्ष गोपाल खोरिया ने पुलिस कमिश्नर को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा है कि सिलीगुड़ी के काफी कारोबारी अपने पुराने नोट जमा करने के लिए बैंकों की लाइनों में घंटों तक खड़े रह रहे हैं. भारी भीड़-भाड़ का फायदा चोर-उचक्के उठा सकते हैं.
उन्होंने विभिन्न बैंकों के ब्रांचों में व्यवसायियों के लिए टास्क फोर्स तैनात करने की मांग पुलिस कमिश्नर से की है. श्री खोरिया ने इसके साथ ही बैंकों में नोट बदलने वालों तथा बैंक के ग्राहकों के लिए अलग-अलग दो लाइन बनाने का सुझाव भी पुलिस कमिश्नर को दिया है. संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री खोरिया ने बताया कि विभिन्न बैंकों की शाखाओं में ऐसे लोग भी भारी संख्या में लाइन में लग रहे हैं, जो उस बैंक के ग्राहक नहीं हैं. ऐसे लोग किसी भी कीमत पर अपने पुराने नोट बदलवाना चाहते हैं. बैंकों के ग्राहकों के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए.