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मोदी की तारीफ भी, तुगलकी फरमान की तोहमत भी

नोटबंदी पर सिलीगुड़ीवासियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सिलीगुड़ी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन, भ्रष्टाचार व जाली नोट पर अंकुश लगाने के लिए पांच सौ और हजार के पुराने नोट अचानक बंद कर दिये हैं. इससे जहां आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है, वहीं मोदी अब भी सब कुछ सामान्य करने के लिए […]

नोटबंदी पर सिलीगुड़ीवासियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया
सिलीगुड़ी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन, भ्रष्टाचार व जाली नोट पर अंकुश लगाने के लिए पांच सौ और हजार के पुराने नोट अचानक बंद कर दिये हैं. इससे जहां आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है, वहीं मोदी अब भी सब कुछ सामान्य करने के लिए ईमानदार देशवासियों से पचास दिन की मोहलत मांग रहे हैं. अपने ही रुपये पाने के लिए लोग चकरघिन्नी बने हुए हैं.
अपना काम-काज छोड़कर लोग बैंकों के सामने सुबह से रात तक कतार में खड़े रहने और एटीएम के चक्कर काटने को मजबूर हैं. इन हालात के बीच प्रभात खबर प्रतिनिधि ने सिलीगुड़ी के कुछ लोगों से प्रतिक्रिया ली.
सरस्वती देवी (गृहिणी) : सिलीगुड़ी के प्रधाननगर की रहनेवाली एक गृहिणी सरस्वती देवी ने मोदी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इससे काला धन, भ्रष्टाचार व जाली नोट बंद हो जायेगा और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. देश में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी. इसका फायदा हर स्तर के लोगों तक पहुंचेगा और लोगों की भी आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा.
डॉ पीडी भूटिया (कार्डियोलॉजिस्ट) – शहर के नामी कार्डियोलॉजिस्ट व जनरल फिजिशियन डॉ पीडी भूटिया ने भी मोदी जी की नोटबंदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले देशवासियों को जो सपना दिखाया ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘अच्छे दिन आ रहे हैं’, वह सभी सपने एक-एक कर पूरे होते दिख रहे हैं.
पुराने नोट बंद होने से न केवल भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोटों पर रोक लगेगी, बल्कि बड़े बजट के विवाह उत्सव भी अपने आप बंद हो जायेंगे. साथ ही समाज में चली आ रही दहेज जैसी कुप्रथा पर प्रतिबंध लग जायेगा. गरीबी-अमीरी में कोई अंतर नहीं रहेगा. सब कुछ बैंकों के जरिये लेन-देन होने से निम्न वर्ग के लोग या जिनके पास ईमानदारी की रकम है, वह भी संपत्ति (जमीन, मकान, सोना-चांदी आदि) आसानी से खरीद सकेंगे.
विकास मोर (वित्तीय सलाहकार) – पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) व वित्तीय सलाहकार विकास मोर ने नरेंद्र मोदी के इस फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया. श्री मोर ने अपने तजुर्बे के आधार पर कहा कि पांच सौ और हजार के नोट बंद कर नये नोट जारी करने का भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट जैसे धंधों पर कोई असर नहीं पड़नेवाला. बल्कि कुछ समय बीतने के बाद इन गोरखधंधों में और अधिक इजाफा होगा. श्री मोर का मानना है कि मोदीजी ने पांच सौ और हजार के नोट बंद करके लोगों की वर्तमान आर्थिक स्थिति खराब कर दी है.
बाजार में आर्थिक मंदी की स्थिति बनी हुई है. इस आर्थिक मंदी से कारोबारी आनेवाले साल-दो साल में भी नहीं उबर सकेंगे. उन्होंने नोट बदलने की सरकारी प्रक्रिया पर भी तीखा हमला किया. रुपये की अचानक किल्लत व खुदरा रुपये की मारा-मारी को लेकर मध्यम, निम्न वर्ग व गरीब जनता का जीना मुहाल हो गया है.

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