उल्लेखनीय है कि बोनस को लेकर कोलकाता में यह बैठक हुई थी. चाय श्रमिक नेता जॉन बारला ने बताया है कि बागान मालिक ग्रुप-ए के कर्मचारी को 16 प्रतिशत, ग्रुप-बी को 15.5 प्रतिशत, ग्रुप-सी के कर्मचारियों को साढ़े 14 प्रतिशत बोनस देने का प्रस्ताव दिया था.
जबकि ग्रुप-डी के कर्मचारियों को लेकर बातचीत शुरू होनी थी. चाय श्रमिक यूनियन 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग कर रहे थे. इसी वजह से यह बैठक फेल हो गयी. श्री बारला ने कहा कि चाय बागान श्रमिक 20 प्रतिशत से कम बोनस पर किसी भी कीमत पर तैयार नहीं होंगे. बागान मालिक घाटा बताकर बहानेबाजी कर रहे हैं. वास्तविकता यह है कि चाय बागानों को इस साल तगड़ा मुनाफा हुआ है.
उसके बाद भी बागान मालिक श्रमिकों का हक देने में आना-कानी कर रहे हैं. ऐसे में श्रमिकों के पास आंदोलन के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. सोमवार से वे लगातार आंदोलन करेंगे. इस बार दुर्गा पूजा के बोनस को लेकर इससे पहले भी तीन बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. इधर, बागान मालिकों के संगठन सीसीपीए के उत्तर बंगाल कन्वेनर अमितांशु चक्रवर्ती ने बैठक फेल होने के लिए चाय श्रमिक यूनियनों को जिम्मेदार ठहराया है. वह चाहते हैं कि बातचीत से समस्या का समाधान हो. चाय श्रमिक नेता मणि दर्नाल का कहना है कि बागान मालिक बोनस देना ही नहीं चाहते. बैठक के शुरू से ही उनके मनोभाव से ऐसा ही लग रहा था.