मालदा. गनीखान चौधरी की भांजी शहनाज कादरी रतुआ विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल प्रत्याशी घोषित होने के बाद पूरे जोर-शोर से चुनाव प्रचार में उतर गयी हैं. घर-घर जाकर वह मामा गनीखान चौधरी और अपनी पार्टी की नेता ममता बनर्जी के आदर्शों और उनके विकास कार्यों का हवाला देकर वोट मांग रही हैं. कभी वह चाय की दुकान पर मौजूद लोगों, तो कभी घरों में जाकर महिलाओं से बात करती हैं. उनका निशाना इस क्षेत्र के कांग्रेस विधायक होते हैं. वह कहती हैं कि वर्तमान विधायक जनता के सुख-दुख में साथ खड़े नहीं होते हैं इसलिए उन्हें हटाना जरूरी है.
शहनाज कहती हैं कि रतुआ मेरे लिए चुनाव क्षेत्र के रूप में भले नया हो, पर यहां के लोग मेरे लिए नये नहीं हैं. जब मामा गनीखान चौधरी जीवित थे, तब नब्बे के दशक में इस इलाके में मैं कई बार आ चुकी हूं. उन्होंने कहा कि रतुआ के लोग इतनी जल्दी मुझे अपना लेंगे, मैंने यह सोचा नहीं था. जहां भी जाती हूं सभी कहते हैं कि गनीखान की भांजी आयी है. कोई चाय पीने को कहता है, तो कोई मूड़ी, चिउड़ा ले आता है. उल्लेखनीय है कि पूर्व रेल मंत्री गनीखान चौधरी की भांजी शहनाज कादरी राज्य में वाम शासन की विदाई के बाद तृणमूल में शामल हुई थीं. वह तृणमूल के अल्पसंख्यक सेल की सदस्य हैं.
प्रचार के दौरान शहनाज कहती हैं कि रतुआ इलाके में फुलहार नदी में बाढ़ से काफी नुकसान होता था. पानी में आर्सेनिक की समस्या भी गंभीर थी. इसका इलाके के कांग्रेस विधायक और वाम सरकार कभी समाधान नहीं कर पाये. लेकिन 2011 में जब तृणमूल की सरकार आयी तो उसने आर्सेनिक मुक्त पेयजल की व्यवस्था की. बाढ़ पीड़ित इलाकों में बांध की मरम्मत का काम करवाया. मैं भी तृणमूल नेता ममता बनर्जी के दिखाये रास्ते पर चल रही हूं और जनता के साथ खड़ी हूं. लोग इस इलाके में आज भी गनी साहब को भुला नहीं पाये हैं. इसके अलावा ममता दीदी द्वारा शुरू की गयी योजनाओं जैसे कन्याश्री, युवाश्री और सबुज साथी का भी काफी प्रभाव है. ऐसे में मुझे तृणमूल की जीत सुनिश्चित लग रही है.