23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विरोध: एक साथ 40 स्थानों पर चाय श्रमिकों का अनशन शुरू

सिलीगुड़ी: तराई-डुवार्स तथा पहाड़ के बंद पड़े चाय बागानों को यथाशीघ्र खोलने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से चाय श्रमिकों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है. चाय श्रमिकों के 23 ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त फोरम के बैनरतले इस आंदोलन की शुरूआत की गई है. पिछले दिनों जलपाईगुड़ी जिले में संयुक्त फोरम के […]

सिलीगुड़ी: तराई-डुवार्स तथा पहाड़ के बंद पड़े चाय बागानों को यथाशीघ्र खोलने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से चाय श्रमिकों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है. चाय श्रमिकों के 23 ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त फोरम के बैनरतले इस आंदोलन की शुरूआत की गई है. पिछले दिनों जलपाईगुड़ी जिले में संयुक्त फोरम के नेताओं की एक बैठक हुई थी और उसी बैठक में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया था. जिसमें चाय बागानों के सामने अनशन से लेकर धरना-प्रदर्शन एवं एक दिसंबर को चाय उद्योग में बंद बुलाने का आह्वान किया गया था.

इसी कार्यक्रम के तहत सोमवार से इस आंदोलन की शुरूआत की गई है. हालांकि चाय उद्योग में बंद को लेकर आपस में ही मतभेद है. आदिवासी विकास परिषद समर्थित प्रोग्रेसिव टी वर्कर्स यूनियन ने चाय उद्योग में बंद से अपने आप को अलग कर लिया है. उसके बाद भी संयुक्त फोरम के नेता अपने निर्णय पर कायम हैं. संयुक्त फोरम के नेता जियाउर आलम का कहना है कि वह लोग आंदोलन तेज कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. वह तो बस चाय श्रमिकों की दयनीय स्थिति को दूर करने के लिए राज्य तथा केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. इसके अलावा उत्तर बंगाल के सभी विधायकों एवं सांसदों को भी चाय श्रमिकों की स्थिति सुधारने को लेकर एक ज्ञापन दिया गया है. इस बीच, संयुक्त फोरम ने सोमवार को तराई-डुवार्स तथा पहाड़ में 40 स्थानों पर अनशन शुरू कर दिया है. सिलीगुड़ी के तराई क्षेत्र में दार्जिलिंग मोड़, गंगाराम चाय बागान तथा अटल चाय बागान में सैकड़ों श्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.

इसके अलावा विभिन्न चाय बागानों के मुख्य गेट पर भी चाय श्रमिक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. कल मंगलवार को पूरे चाय उद्योग में बंद की घोषणा की गई है. पश्चिम बंगाल चा बागान श्रमिक कर्मचारी यूनियन के तराई-डुवार्स के सहायक सचिव अमूल्य दास का कहना है कि इस बार लड़ाई आर-पार की है. डंकन्स के चाय बागानों के अलावा अन्य चाय बागानों की स्थिति भी काफी खराब है. डंकन्स के कई चाय बागानों के साथ-साथ 10 अन्य चाय बागान बंद पड़े हुए हैं. राज्य सरकार द्वारा अधिगृहीत चाय बागानों को भी नहीं खोला गया है. भूख और बीमारी की वजह से आये दिन चाय श्रमिकों की मौत हो रही है. पिछले कुछ महीनों के दौरान एक दर्जन से अधिक श्रमिकों की मौत हो चुकी है. अधिकांश चाय बागानों में श्रमिकों का वेतन एवं भत्ता बकाया है. न्यूनतम सुविधाएं तक श्रमिकों को नहीं दी जा रही है.
आज तक नहीं हुई कमेटी की बैठक
अमूल्य दास का कहना है कि कुछ महीने पहले चाय श्रमिकों की समस्याओं को लेकर एक त्रिस्तरीय बैठक हुई थी. इस बैठक में राज्य सरकार के अलावा संयुक्त फोरम के नेता तथा चाय बागानों के मालिक शामिल हुए थे. उत्तरकन्या में संपन्न इस बैठक में वेतन वृद्धि से लेकर कई निर्णय लिये गये थे. चाय श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को निर्धारित करने के लिए एक कमेटी भी गठित की गई थी. दुर्भाग्य की बात यह है कि इस बैठक को संपन्न हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक न्यूनतम वेतन निर्धारण को लेकर गठित कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई है. इस कमेटी की बैठक बुलाने की मांग कई बार राज्य सरकार से की गई, लेकिन उसके बाद भी सरकार की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. श्री दास ने इस कमेटी की बैठक यथाशीघ्र बुलाने की मांग की.
और बिगड़ेगी श्रमिकों की स्थिति
आने वाले दिनों में तराई-डुवार्स तथा पहाड़ के चाय बागानों में काम कर रहे श्रमिकों की स्थिति और अधिक बिगड़ने की संभावना है. खासकर बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिकों पर संकट के बादल और अधिक गहरे हो जायेंगे. चाय उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि दिसंबर महीने से चाय बागानों में लीन सीजन की शुरूआत हो जाती है. इसका मतलब है कि नये पत्ते नहीं खिलते और चाय पत्तियों को तोड़ने का काम बंद हो जाता है. वर्तमान में जो स्थिति है, उसके अनुसार बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिक चाय पत्तियों को तोड़कर औने-पौने दाम में बॉटली फैक्ट्रियों को बेच देते हैं और जो थोड़ा बहुत पैसा मिलता है, उससे किसी तरह से अपनी जिंदगी चलाते हैं. अब चाय पत्तियों को तोड़ने का काम बंद हो जायेगा. स्वाभाविक तौर पर इसका खामियाजा भी चाय श्रमिकों को भुगतना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें