इस वजह से वह माल अस्पताल से पिता को घर ले आयी. चिकित्सकों के अनुसार कांची लिवर की समस्या सहित विभिन्न रोगों से ग्रसित थे. ऊपर से उन्हें ठीक तरह से भोजन व चिकित्सा नहीं मिल पा रही थी. इसके चलते शुक्रवार की शाम कांची मिंज की मौत हो गयी. दूसरी तरफ माल महकमा के बीडीओ भूषण शेरपा ने बाताया कि कांची मिंज सार्कि की सरकारी अस्पताल में चिकित्सा हुई है. उनकी मौत भूख व चिकित्सा व्यवस्था के अभाव की वजह से नहीं, बल्कि उम्र के अनुसार बीमारियों से ग्रसित होने की वजह से हुई है. उल्लेखनीय है कि पिछले एक महीने में डंकन्स ग्रुप के बागराकोट चाय बागान में मृत श्रमिकों की संख्या बढ़कर 13 हो गयी है.
Advertisement
बागराकोट चाय बागान में फिर मौत
जलपाईगुड़ी. चिकित्सा के अभाव में डंकन्स ग्रुप के बागराकोट चाय बागान में फिर एक चाय श्रमिक की मौत पर बागान इलाका गरमा गया है. बागराकोट बागान के पुराना डाकघर लाइन के निवासी अवकाशप्राप्त बागान कर्मचारी कांची मिंज सार्कि (75) की मौत शुक्रवार की शाम को हो गयी. लेकिन प्रशासन की ओर से चिकित्सा व्यवस्था की […]
जलपाईगुड़ी. चिकित्सा के अभाव में डंकन्स ग्रुप के बागराकोट चाय बागान में फिर एक चाय श्रमिक की मौत पर बागान इलाका गरमा गया है. बागराकोट बागान के पुराना डाकघर लाइन के निवासी अवकाशप्राप्त बागान कर्मचारी कांची मिंज सार्कि (75) की मौत शुक्रवार की शाम को हो गयी. लेकिन प्रशासन की ओर से चिकित्सा व्यवस्था की वजह से श्रमिक की मौत के आरोप को अस्वीकार किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सेवानिवृत्ति के बाद मृतक ने अपनी पुत्री लीला को नियुक्त कराया था. लीला सार्कि ने बताया कि उनके पिता कांची मिंज सार्कि को 15 दिन पहले माल महकमा अस्पताल ले जाया गया था. वहां चार दिन भरती रहने के बाद उन्हें सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रेफर किया गया था. लेकिन रुपये के अभाव में कांची को सिलीगुड़ी अस्पताल तक पहुंचाना बेटी के समक्ष एक बड़ी चुनौती थी. लीला ने बताया कि जब दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल है, तो ऐसे में बागाराकोट से सिलीगुड़ी अस्पताल में भरती कराना व वहां उनकी देखभाल करना काफी मुश्किल था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement