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मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था की खुली कलई

सिलीगुड़ी. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के वर्न वार्ड में चिकित्साधीन कूचबिहार के मांथाभांगा निवासी एक युवती के भाग जाने से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. सामाजिक संगठनो ने मेडिकल कॉलेज पर इलाज करने से बचने के लिये रोगियों को भगाने का आरोप लगाया है. मेडिकल सूत्रों से मिली […]

सिलीगुड़ी. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के वर्न वार्ड में चिकित्साधीन कूचबिहार के मांथाभांगा निवासी एक युवती के भाग जाने से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. सामाजिक संगठनो ने मेडिकल कॉलेज पर इलाज करने से बचने के लिये रोगियों को भगाने का आरोप लगाया है.

मेडिकल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक युवती को मेडिकल कॉलेज परिसर से ही बाद में बरामद कर लिया गया एवं अब उसकी चिकित्सा की जा रही है़ गौरतलब है कि 13 नवंबर को सिलीगुड़ी की एक स्वयंसेवी संगठन सिनी के सद्स्यों ने अधजली अवस्था में उस युवती को बरामद कर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया था. जानकारी के मुताबिक युवती अपने घर माथाभांगा से पिछले दो महीने से लापता थी जिसकी जानकारी युवती के परिजनो की ओर से स्थानीय पुलिस को दे दी गई थी. ऐसे कहा जा रहा है युवती के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या की कोशिश की गयी थी़ इस बीच,सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की रात से अचानक वह युवती उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड लापता हो गयी़ लेकिन सोमवार को दोपहर उसे मेडिकल परिसर से ही खोज निकाला गया.

युवती के वार्ड से भाग जाने की घटना पर सामाजिक संगठन से जुड़े सोमनाथ चटर्जी ने बताया कि कोई भी रोगी मेडिकल कॉलेज से भाग नहीं जाता है बल्कि इलाज करने से बचने के लिये मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा रोगी को भगा दिया जाता है. श्री चटर्जी ने बताया कि इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बैद्यनाथ थाना अंतर्गत हाडिड गांव निवासी मिल्की राम के पुत्र नरेश कुमार को सिलीगुड़ी महकमा शासक आवास के समक्ष बीमार अवस्था में पाया गया था जिसके बाद उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. दो दिन के बाद नरेश कुमार को वापस महकमा शासक आवास के समक्ष पाया गया. नरेश से पूछने पर उसने बताया कि उसे अस्पताल से निकाल दिया गया. इस विषय पर जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से पूछा गया तो प्रबंधन ने बताया कि नरेश का इलाज पूरा हो जाने की वजह से उसे छुट्टी दे दी गई है.

सोमनाथ चटर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि माथाभांगा की युवती को बहुत ही दर्दनाक स्थिति में बरामद किया गया था़ शायद उसका इलाज करने से बचने के लिये मेडिकल प्रशासन ने ही उसे भगा दिया होगा. इस सिलसिले में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के एसीपी पिनाकी मजुमदार ने बताया कि युवती की हालत में सुधार होने पर उसके बयान के आधार पर आगे की जांच बढ़ायी जायेगी.

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