सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में भूमाफियाओं की दादागीरी लगातार बढ़ती जा रही है. भूमाफिया किसी भी खाली जमीन पर कब्जा कर दूसरे को बेच देते हैं. इस समस्या ने पिछले कुछ महीनों के दौरान इतना गंभीर रूप धारण कर लिया है कि सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में लोग जमीन खरीदने […]
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में भूमाफियाओं की दादागीरी लगातार बढ़ती जा रही है. भूमाफिया किसी भी खाली जमीन पर कब्जा कर दूसरे को बेच देते हैं. इस समस्या ने पिछले कुछ महीनों के दौरान इतना गंभीर रूप धारण कर लिया है कि सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में लोग जमीन खरीदने से डर रहे हैं. साथ ही ऐसे लोगों की भी चिंता बढ़ी रहती है जिन्होंने कहीं पर जमीन खरीद रखी है. ताजा मामला माटीगाड़ा थाना अंतर्गत पाथरघाटा अंचल के शीशाबाड़ी, बैरागीपाड़ा इलाके की है. यहां भूमाफियाओं ने आदिवासियों की 10 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है.
जमीन की प्लॉटिंग कर बेची जा रही है. इसकी वजह से कई आदिवासी परिवार बेघर हो गये हैं. जब यह लोग अपनी जमीन लेने जाते हैं, तब इनके साथ मारपीट की जाती है और वहां से खदेड़ दिया जाता है. इस पूरे मामले में पाथरघाटा अंचल कांग्रेस अध्यक्ष बबलू सरकार का नाम सामने आ रहा है. आदिवासियों ने कांग्रेस नेता बबलू सरकार पर आदिवासियों की जमीन कब्जा करने का आरोप लगा है.
आज काफी संख्या में आदिवासी सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब पहुंचे और यहां अपनी जमीन पर कब्जा कर लिये जाने की जानकारी संवाददाताओं को दी. जयंती उरांव, पार्वती टिग्गा, दीप्ति उरांव आदि आदिवासी महिलाओं ने बताया कि माटीगाड़ा थाना अंतर्गत पाथरघाटा अंचल में उन लोगों की 10.54 एकड़ जमीन है. जमीन के चार खतियान उन लोगों के नाम पर है. वह लोग सरकार को खजाना भी दे रहे हैं.
जमीन के मालिकाना संबंधी सभी दस्तावेज रहने के बाद भी उस इलाके के भूमाफियाओं ने जमीन पर कब्जा कर लिया है. करीब 15 बीघा जमीन पर प्लॉटिंग कर दी गई है. जमीन की प्लॉटिंग कर दूसरे लोगों को बेच दिया गया है. इन महिलाओं ने कहा कि सभी आदिवासी परिवार बेहद गरीब हैं. यह सभी लोग चाय बागान में मजदूरी करते हैं.
इस जमीन के शिवा उनकी अपनी कोई संपत्ति नहीं है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता बबलू सरकार के इशारे पर कई भूमाफियाओं ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस मामले को लेकर सात लोगों के खिलाफ उन लोगों ने माटीगाड़ा थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी है. इसके साथ ही सभी पीड़ित आदिवासी परिवार ने बीडीओ को भी एक ज्ञापन देकर जमीन पर कब्जा देने की मांग की है. इन महिलाओं ने आगे कहा कि यदि उनकी जमीन उन्हें वापस नहीं दी जाती, तो वह सभी अपने बच्चे एवं परिवार वालों को लेकर बबलू सरकार के घर में प्रवेश कर जायेंगे. इस मुद्दे को लेकर सभी आदिवासी परिवारों ने वृहद आंदोलन करने की भी धमकी दी है.