सिलीगुड़ी: खेल का जुनून यदि देखना हो, तो कोई फांसीदेवा ब्वायज हाइस्कूल की शिक्षिका सोमा दत्ता को देख सकते हैं. 55 वर्ष की आयु में भी खेल के प्रति उनकी दीवानगी देखते बनती है.
बैंगलोर में आयोजित 34 वां नेशनल मास्टर्स ऐथलेटिक्सि चैंपियनशीप 2013 में उसने लांग जंप में कांस्य पदक पाया. इस प्रतियोगिता में 27 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया. बकौल सोमा, विवाह के लिए मुझे सबने दबाव दिया. मुझे लग रहा था कि वैवाहिक जीवन में मैं अपने सपने को साकार नहीं कर सकती. मैं अंतिम श्चांस तक खेलना चाहती हूं. सोमा सितंबर, 2012 में चीन, ताइपे गयी थी, एशिया मीट में. सोमा का सपना है कि वह वल्र्ड मीट में जाये.
यह प्रतियोगिता 2014 में जापान में होने वाली है. सोमा को देखकर उसके छात्रों और सहयोगियों का उत्साह देखते ही बनता है. सोमा के के पिता कुमुदनी कांत दत्त और मां फूलू रानी दत्ता भी खेल प्रेमी थे. पिता पोस्ट मास्टर थे, साथ ही उत्तर बंगाल के नं. एक फुटबॉलर थे. फिलहाल सोमा बागडोगरा में अकेले रहती है.