सिलीगुड़ी: उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज में एम्स स्तर के अस्पताल के निर्माण की मांग को लेकर रायगंज के लोगों ने अब सिलीगुड़ी में आंदोलन की तैयारी कर ली है. इससे पहले रायगंज के विभिन्न राजनीतिक दल खासकर कांग्रेस और व्यवसायिक संगठन इस आंदोलन को रायगंज में ही संचालित कर रहे थे.
अब आंदोलन की अगुवायी करने वाले संगठनों ने अपनी रणनीति बदल ली है और उत्तर बंगाल की अघोषित राजधानी समङो जाने वाले सिलीगुड़ी में आंदोलन की तैयारी कर ली है. यह निर्णय रायगंज एम्स रूपायन नागरिक मंच ने किया है. इस संगठन के नेता तथा वेस्ट दिनाजपुर चेम्बर ऑफ कामर्स के महासचिव शंकर कुंडू ने कहा है कि वह लोग पिछले काफी समय से एम्स अस्पताल परियोजना को कल्याणी न ले जाकर रायगंज में ही शुरू करने की मांग में काफी अरसे से आंदोलन कर रहे हैं. राज्य की वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार पर इस आंदोलन का कोई असर नहीं हुआ है. आंदोलन की आवाज को दूर तक पहुंचाने के लिए सिलीगुड़ी में इस आंदोलन को केन्द्रित करने का निर्णय लिया गया है. मंच के अन्य सदस्यों का भी कहना है कि सिलीगुड़ी उत्तर बंगाल में एक प्रमुख शहर है. यहां किसी भी प्रकार के आंदोलन को संचालित करने से सबकी नजर उस पर पड़ती है. इतना ही नहीं, उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी एक प्रमुख शहर है और यहां सभी सात जिले के लोग आसानी से आ-जा सकते हैं. इन लोगों ने आगे कहा कि रायगंज में एम्स अस्पताल की स्थापना से सिर्फ रायगंज के लोगों का ही भला नहीं होगा, बल्कि उत्तर बंगाल के सभी सात जिलों के लोग लाभान्वित होंगे. अब तक जो आंदोलन हो रहा है उसमें रायगंज तथा उत्तर दिनाजपुर के लोग ही अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं.
उत्तर बंगाल के अन्य जिले के लोगों ने एम्स आंदोलन के प्रति अपनी सक्रियता नहीं दिखायी है. सभी सात जिले के लोगों को लेकर जोरदार आंदोलन करने हेतु ही सिलीगुड़ी का चयन किया गया है. इस बीच, मंच के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले महीने दिसंबर के मध्य में सिलीगुड़ी में एम्स आंदोलन को लेकर एक नागरिक कन्वेंशन करने का निर्णय लिया गया है. इस कन्वेंशन में आम लोगों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी आमंत्रित करने की योजना है.
इस संगठन के एक अन्य सदस्य का कहना था कि यूपीए-1 सरकार में मंत्री रहते रायगंज के तत्कालीन सांसद प्रियरंजन दासमुंशी के प्रयास से फरवरी 2009 में केन्द्र सरकार ने रायगंज में एम्स अस्पताल बनाने को अपनी मंजूरी दी थी. उसके बाद पानीशाला में इस अस्पताल के निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन की पहचान भी की गई. इस बीच, वर्ष 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सब कुछ गड़बड़ हो गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक कारणों से इस परियोजना को रोक दिया. उन्होंने जमीन नहीं मिलने का बहाना कर एम्स परियोजना को कल्याणी स्थानांतरित करवा दिया. ममता बनर्जी ने अपने इस कदम से उत्तर बंगाल के लोगों की उपेक्षा की है. उस सदस्य ने आगे बताया कि सिलीगुड़ी में नागरिक कन्वेंशन आयोजित करने के साथ-साथ रैली आदि का भी आयोजन किया जायेगा.