मालदा : दीदी बंगाल में हो रही हर मौत के लिए एनआरसी और जीएसटी को दोषी ठहरा रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कुशासन के फलस्वरुप राज्य में जनता मर रही है. सोमवार को अभिनंदन यात्रा के लिए जनसंपर्क अभियान चलाने के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप ने चाय दुकान में बैठकर चाय पर चर्चा के दौरान उक्त मंतव्य किया.
उन्होंने कहा कि अगर किसी की बीवी भी शौहर से झगड़ा कर सुसाइड करती है तो उसकी जिम्मेदारी भी आधार कार्ड पर डाली जा रही है.
जीएसटी चालू चालू होने के समय दीदीमणी ने कहा था कि इतने लोग मर गये. जबकि उनके कुशासन के चलते ही यहां मौतें हो रही हैं. ओल्ड मालदा की नगरपालिका क्षेत्र के बुलबुली मोड़ पर एक चाय की दुकान में हुई चाय की चर्चा में दिलीप घोष शामिल हुए.
उनके साथ थे भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजुमदार और जिलाध्यक्ष गोविंद मंडल. अभिनंदन यात्रा को लेकर कई दुकानों में परचा वितरण किया गया. उसी बीच अचानक दिलीप घोष स्थानीय निवासी कृष्ण अग्रवाल के घर पहुंच गये. मेजबान ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और उनके साथ गये नेता-कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कराया. अभिनंदन यात्रा दोपहर एक बजे पुराटुली के बांध रोड स्थित भाजपा के जिला कार्यालय से शुरु हुई जिसने शहर की परिक्रमा कर वापस दलीय कार्यालय लौटी.
चाय पर चर्चा के दौरान मीडिया से मुखातिब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में तृणमूल नेताओं ने हिंसा का सहारा लिया था. पुलिस और गुंडों की मदद से चुनाव कराया. उसके बावजूद उनकी पार्टी को काफी सफलता मिली थी.
सामने ही नगरपालिका चुनाव है. इस बार भी जनता उन्हें दोनों हाथ से समर्थन करेगी. हमने लोकसभा की आठों सीट पर दावा किया था लेकिन सात पर विजय मिली. हम इस राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ प्रशासन और लोकतंत्र की स्थापना चाहते हैं. इसीलिये घर घर जा रहे हैं. लोगों की परेशानी सुनकर उनके समाधान की कोशिश चल रही है.
दीदी का विरोध बनी भाजपा की सफलता : दिलीप घोष
दीदी का विरोध बनी भाजपा की सफलता : दिलीप घोष
जनसमर्थन के चलते तृणमूल के गुंडे अपने घरों में दुबक गये हैं
मालदा : दीदी ने जिन जिन कानूनों का विरोध करती हैं उन मुद्दों पर जनता ने भाजपा का साथ दिया है. वह चाहे जम्मू-कश्मीर के लिये धारा 370 हटाने का मामला हो चाहे तीन तलाक का मामला. हर जगह उन्हें मुंह की खानी पड़ी है. नागरिकता संशोधन कानून भी लागू हो गया है. सोमवार को शहर में अभिनंदन यात्रा के आखिर में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने उक्त बातें कही.
उन्होंने कहा कि भाजपा के व्यापक जनसमर्थन को देखते हुए दीदी अपने कालीघाट स्थित निवास में सिमट गयी हैं. यहां तक कि उनके पोषे पाले गुंडे अपने घरों में दुबके हुए हैं.
बाहर आने की हिम्मत नहीं जुटा रहे हैं. वे जानते हैं कि अबकी बार अगर उन्होंने गुंडई की तो उनकी जगह अस्पताल ही होगी.दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि यही वजह है कि राज्य सरकार पुलिस प्रशासन को सहारा लेकर भाजपा को दबाने की कोशिश कर रही है. उनके समर्थकों और नेताओं पर झूठे मामले दर्ज किये जा रहे हैं. सभा व रैलियों को अनुमति नहीं दे रही है.
उन्होंने आंकड़ा गिनाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में लगभग एक करोड़ घुसपैठिये हैं. अवैध रुप से बसने वाले 50-70 लाख वोटर हैं. इन्हीं अवैध नागरिकों के बल पर तृणमूल चुनाव जीतती आ रही थी. राज्य प्रशासन की मनमानी के चलते तीन हजार कार्यकर्ता बेघर हैं. डेढ़ से दो हजार कार्यकर्ता जेलों में बंद हैं.
दीदी के पास यह सब करने के अलावा कुछ है भी तो नहीं! दिलीप घोष ने कहा कि उनकी पार्टी दो रुपये किलो चावल के लिये नहीं आयी है. मां-बहनों की इज्जत बचाने आयी है. नागरिकता कानून बनते ही तीन दिनों तक लुंगी वाहिनी ने तांडव मचाया था. इनके पीछे भी दीदी का परोक्ष समर्थन है.
