मालदा : किसी भी राज्य या जिले के विकास का मानक वहां के बाजार में ग्राहकों की मांग है. अगर निचले स्तर पर लोगों की आय बढ़ती है तो निश्चित रुप से बाजार में कुछ चीजों की मांग स्वाभाविक रुप से बढ़ जाती है. इसी तरह की सामग्री है बांस और बेंत से बनी डालियां जिनकी बिक्री इन दिनों बढ़ गयी है.
इससे इन डालियों को बनाने वाले कारीगर और व्यवसायी दोनों लाभान्वित हो रहे हैं. इन डालियों में छोटे साइज की डाली 70 रुपये और बड़ी साइज की 100-150 रुपये प्रति पीस की दर से बिक रही हैं. मुख्य रुप से इन डालियों को खरीदने के लिये व्यवसायियों से लेकर दिहाड़ी मजदूर भीड़ कर रहे हैं. इनका कहना है कि एक सौ दिनी योजना के काम अब ज्यादा मिल रहे हैं जिससे उन्हें डालियों को खरीदना पड़ रहा है.
बेंत व्यवसायी और कारीगरों का कहना है कि कई साल पहले तक इन डालियों की बिक्री उतनी नहीं थी. लेकिन पिछले साल से यह बिक्री बढ़ गयी है. इससे हमें ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. मालदा जिला परिषद के सभाधिपति गौड़चंद्र मंडल ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर राज्य में लघु और कुटीर उद्योग को विस्तार मिला है. इसका लाभ सीधे तौर पर बांस और बेंत के कारीगरों को मिल रहा है. राज्य सरकार की यह नीति ही है अधिक से अधिक लघु और कुटीर उद्यम को प्रोत्साहित करना.