राज्यपाल ने समानांतर सरकार चलाने के आरोपों को किया खारिज, बोले
सिलीगुड़ी : राज्यपाल जगदीप धनखड़ की राज्य सरकार के साथ तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या राज्य के किसी मंत्री का नाम लिये बगैर राज्यपाल ने उनपर निशाना साधा.
एसएसबी फ्रंटियर मुख्यालय रानीडांगा में ऑल इंडिया पुलिस ऑर्चरी चैंपियनशिप का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल अपराह्न तीन बजे स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा लगाये जा रहे कथित आरोपों के मद्देनजर एक घंटे तक मीडिया से खुलकर बातचीत की. इसके साथ उन्होंने उत्तर बंगाल के चाय श्रमिकों की समस्या पर भी राय रखी.
जब राज्यपाल से कहा गया कि तृणमूल सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत की है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं. वह राज्य में एक समानांतर सरकार चला रहे हैं. बिना राज्य सरकार को जानकारी दिये वह कई काम कर रहे हैं. इस पर राज्यपाल ने कहा कि इस बारे में उन्हें नहीं पता है. इस आरोप में कोई दम नहीं है. यह सब निराधार बातें हैं. हमें अखबारों और टीवी चैनलों से जानकारी मिली है कि हम (राज्यपाल) बंगाल में समानांतर सरकार चला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव को हमसे बात करने का समय नहीं है और लोग कह रहे हैं कि हम समानांतर सरकार चला रहे हैं.मैंने ऐसा क्या किया है ? उन्होंने कहा कि मैं राज्य के कई क्षेत्रों में गया हूं. कई समारोहों का उद्घाटन किया, लोगों से मिला. इसमें समानांतर सरकार चलाने वाली क्या बात है? गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हाल में राज्यपाल का नाम लिये बिना कहा था कि राज्य में समानांतर सरकार चलाने की कोशिश हो रही है.
श्री धनखड़ ने कहा कि वह सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकी पर गये थे. वहां तैनात एक जवान ने उनसे कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पहले कभी भी सीमा चौकी पर नहीं आये थे.
आप पहले राज्यपाल हैं जो सीमा चौकी का हाल जानने यहां आये हैं. राज्यपाल ने कहा: मेरा काम है राज्य के सभी लोगों से मिलना. मैं जब जहां चाहूंगा, वहां जा सकता हूं. मुझे किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री उन्हें बहुत कुछ कहते रहते हैं, पर मैं सिर्फ अपना काम करता हूं.
किसी से वह कोई शिकायत करने नहीं जाते हैं. मैं संवैधानिक रूप से काम करता हूं. संविधान के दायरे से बाहर रह कर काम नहीं करता हूं. उन्होंने कहा कि बंगाल का कोई कमिश्नर हो या मंत्री, कोई उनका साथ नहीं देता है. मैं किसी मंत्री से कोई बात नहीं करता हूं. अगर किसी मुद्दे पर बात करनी होती है तो सिर्फ मुख्यमंत्री से बात करता हूं. उन्होंने कहा कि हर बात मीडिया तक नहीं पहुंचती है.
चाय बागान श्रमिकों के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि चाय मजदूरों की हालत बहुत ही दयनीय है. उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख चाय श्रमिक काम कर रहे हैं. जिन्हें समय पर मजदूरी भी नहीं मिल पाती है. हजारों श्रमिक पीएफ व ग्रेच्युटी की सुविधा से वंचित हैं. चाय बागानों में पीने के पानी की भी समस्या है. इन मसलों को लेकर शिकायत भी दर्ज करायी गयी है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. चाय मजदूर व गार्डेन प्रबंधन के बीच बातचीत होती भी है तो पुलिस बीच में आकर बात बिगाड़ देती है.
चाय मजदूरों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है. राज्यपाल ने कहा कि यह समस्या औद्योगिक मामला है. इसे औद्योगिक विवाद अधिनियम के जरिये सुलझाना चाहिए. श्री धनखड़ ने कहा कि मेरे हिसाब से केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर चाय श्रमिकों की समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए.