कूचबिहार : कूचबिहार का ऐतिहासिक रासमेला 11 नवंबर से शुरू हो चुका है. उस दिन जिलाशासक पवन कादियान ने रासचक्र घूमाकर रासयात्रा का शुभारंभ किया था. पहले दिन से ही मेला मैदान में लगने वाली खाने पीने की ज्यादातर दुकानों रसोई गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
आरोप है कि नगरपालिका व प्रशासन के निगरानी के अभाव में दुकानों में वाणिज्यिक गैस के बदल रसोई गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है. नगरपालिका चेयरमैन भूषण सिंह ने बताया कि मेले की जिम्मेदारी नगरपालिका नहीं बल्कि पुलिस, एनफोर्समेंट ब्रांच व दमकल विभाग पर है. ये तीनों विभाग ही इस मामले में कुछ कर सकता है.
रासमेला परिसर में फिलहाल 200 से भी ज्यादा खाद्य पदार्थों की दुकाने मेले में लग गयी है. इसमें जलेबी से लेकर पीछा व फास्ट फूड की दुकाने शामिल है. किसी दुकान में चुल्हे पर खाना बनाया जा रहा है तो कहीं रसोई गैस पर. कई दुकानों में खतरनाक तरीके से रसोई गैस जमा रखा गया है. इससे किसी भी समय मेले में बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है.
मेले में दुकाने लगने के पहले से ही अग्नीशमन के बारे में व्यवसायियों को जागरुक किया गया है. दमकल विभाग से मेले के पहले दिन विभिन्न खाद्य पदार्थों की दुकानों को सावधानी बरतने के हिदायद के साथ ही चेतावनी दी गयी है. इसके बावजूद दुकानों में धरल्ले से रसोई गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
हालांकि कूचबिहार दमकल विभाग की ओर से बड़ी दुर्घटना के सुरक्षा के लिए मेला मैदान में एक दमकल की गाड़ी रखी गयी है. एमजेएन स्टेडियम मैदान में भी एक दमकल की गाड़ी रखी गयी है. दमकल केंद्र के ओसी रंजन घोष ने कहा कि दुकानों में कौन सा सिलेंडर रखा गया है यह विषय उनका नहीं है. इसे एनफोर्समेंट ब्रांच की ओर से देखा जायेगा. रासमेले के दायित्व पर रहे ओसी तथा जिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (माथाभांगा) इंद्रजीत सरकार ने कहा कि इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. मामले की छानबीन की जायेगी.