नागराकाटा : मेटली प्रखंड स्थित इंडोग चाय बागान में महिला चाय श्रमिकों को अपने बच्चों को रखने के लिए मोबाइल क्रेस दिया गया है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए क्रेस में विभिन्न प्रकार के कार्टून बनाया गया है.
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श्रमिकों के बच्चों के लिए मोबाइल क्रेस में है कई खूबी
नागराकाटा : मेटली प्रखंड स्थित इंडोग चाय बागान में महिला चाय श्रमिकों को अपने बच्चों को रखने के लिए मोबाइल क्रेस दिया गया है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए क्रेस में विभिन्न प्रकार के कार्टून बनाया गया है. उसपर वर्ण अक्षर एबीसीडी भी अंकित किया हुआ है. मालूम हो कि चाय बागान में कानून […]
उसपर वर्ण अक्षर एबीसीडी भी अंकित किया हुआ है. मालूम हो कि चाय बागान में कानून नियम का उल्लंघन करते हुए क्रेज के नाम पर कहीं प्लास्टिक तो कहीं टूटा हुआ ट्रैक्टर को क्रेस का रूप देकर बच्चों को रखा जाता है, लेकिन इस चाय बागान में बच्चों को रखने के लिए मोबाइल क्रेस वैन मुहैया कराया गया है.
बागान प्रबंधक रंजन डे ने बताया कि जल्द ही चाय बागान में बच्चों को रखने के लिए नया ई-क्रेस लाया जायेगा. जिसका निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है. स्थानीय महिला चाय श्रमिक सबनम मुंडा, सुशीला उरांव नीमा उरांव, रेशमा उरांव ने बताया चाय बागान में बच्चों को रखने के लिए जो क्रेस है, वो बहुत ही सुंदर है. यहां बच्चे बहुत ही आराम से रहते हैं और मनोरंजन लेते हैं. हम सभी महिला चाय प्रबंधक को धन्यवाद ज्ञापन करते हैं.
इंडोग चाय बागान प्रबंधक रंजत देव ने बताया कि बागान में 30 से 35 महिला श्रमिक हैं, जिनके बच्चे दिनभर क्रेज में रहते हैं. बच्चों को किसी प्रकार की तकलीफ ना हो, इसके लिए हमलोगों ने क्रेज को व्यवस्थित करने का प्रयास किया है.
वर्तमान अवस्था को देखते हुए फिर एक नया क्रेस बनाने जा रहे हैं, जहां बच्चों के लिए खेलने कूदने का सामग्री साथी पढ़ने-लिखने का विभिन्न प्रकार की सुविधाएं होंगी. क्रेज में वैसे बच्चों को खाना दूध-बिस्किट भी मिलता रहता है, लेकिन बच्चों को पढ़ाई लिखाई-सीखने का मौका भी अब मिलेगा.
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