मायूस होकर काम पर लौटे चाय श्रमिक
3 अक्टूबर को बोनस और 8 के बाद मिलेगा वेतन
कालचीनी : दो दिनों से बंद कालचीनी चाय बागान सोमवार को खुल गया. बागान खुलने से दो हजार से अधिक श्रमिक परिवारों की खुशियां लौट आयीं, लेकिन श्रमिकों में अब भी उदासी है कि पूजा के मौके पर उन्हें न तो वेतन मिला और न ही बोनस.
सोमवार की सुबह श्रमिकों ने फैक्टरी गेट के सामने गेट सभा की. सभा में विभिन्न चाय बागान मजदूर यूनियन के नेता मौजूद रहे. सभा में बागान खुलने की श्रमिकों को जानकारी दी गयी.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बाक्सा डुआर्स टी कंपनी लिमिटेड के अधीन कालचीनी चाय बागान में श्रमिकों के पन्द्राही वेतन को लेकर असंतोष का माहौल पैदा हुआ था. उसके पश्चात शनिवार को मैनेजमेंट ने बागान में लुकआउट का नोटिस लगा दिया था. रविवार को बीरपाड़ा श्रम दफ्तर में दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के पश्चात सोमवार से बागान फिर से खोलने पर समझौता हुआ. श्रमिकों ने बताया कि बागान खुलने से हम बेहद खुश हैं, लेकिन बिना वेतन के भूखे पेट कैसे काम करेंगे. ऊपर से दुर्गा पूजा का समय है.
तृणमूल मजदूर यूनियन के केंद्रीय कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात मुखर्जी ने बताया कि बागान में अशांति का कारण दिखाकर बागान मैनेजमेंट शनिवार को अचानक बागान में लॉकआउट का नोटिस चिपका दिया था, जिसे देखते हुए प्रशासन ने मालिक पक्ष पर दबाव डालकर रविवार को बीरपाड़ा श्रम दफ्तर में बैठक की और सोमवार से बागान खोलने का निर्णय हुआ.
उन्होंने कहा इस मालिक का कोई विश्वास नहीं है. किसी न किसी तरीके से यह श्रमिकों का शोषण करता है. ज्वाइंट फोरम के नेता एवं डीसीपीडब्ल्यू के संपादक गणेश लामा ने बताया कि सोमवार से बागान खुल गया है. श्रमिकों से कहा गया है कि उग्र आंदोलन ना करें, इससे खुद का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर को श्रमिकों को बोनस मिलेगा एवं श्रमिकों के विगत 28 तारीक को मिलने वाला पन्द्राही वेतन पूजा के बाद श्रमिकों को प्राप्त होगा.