संजीत कुमार, कालचीनी : दिल में दर्द का समंदर उमड़ा और आंखों के साहिल पर आकर ठहर गया. लेकिन आसमान में शायद बरदाश्त करने की इतनी ताकत नहीं थी कि कलेजा जैसे फट पड़ा. दर्द बारिश की बूंदों की शक्ल में टपकने लगा.
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वीरांगना खुशबू ने पति को सैल्यूट कर दी अंतिम विदाई
संजीत कुमार, कालचीनी : दिल में दर्द का समंदर उमड़ा और आंखों के साहिल पर आकर ठहर गया. लेकिन आसमान में शायद बरदाश्त करने की इतनी ताकत नहीं थी कि कलेजा जैसे फट पड़ा. दर्द बारिश की बूंदों की शक्ल में टपकने लगा. उस वक्त डुआर्स की खुशनुमा बागानों का माहौल भी बेनूर हो गया, […]
उस वक्त डुआर्स की खुशनुमा बागानों का माहौल भी बेनूर हो गया, जब शहीद सेना के नायक राजीव थापा के पार्थिव शरीर के पास उनकी पत्नी खुशबू थापा पहुंची. जिसके साथ सतरंगी जिंदगी के सपने सजाये थे, जिसे हंसते-खेलते छुट्टी के बाद घर से विदा किया था.
वो ताबूत में लौटा था. बाहर मुस्कुराते हुए शहीद नायक की तस्वीर लगी थी. खुशबू एक टक उस चेहरे को निहारे जा रही थी. आंसू आंखों में उमड़ आ रहे थे, लेकिन आंखों को बरसने से बरबस रोक रखा था. खुशबू शहीद राजीव के चेहरे को देखकर उसके हाथों को लगातार चूम रही थी.
इस प्यार और जज्बात के आगे शब्द हार रहे थे. सच्चाई को शायद दिल मान नहीं रहा था. पत्नी खुशबू बार-बार ताबूत को चूमती जा रही थी. क्या पता कोई चमत्कार हो जाये? क्या पता ये बेरहम सच्चाई बदल जाये? किसे संभाले खुशबू खुद को या परिवार को.
जिस मां-बाप को जिसने अपना जवान बेटा खो दिया. जिस बहन ने अपना भाई खो दिया. खुशबू एक हाथ पति की मां के कंधे पर और दूसरे हाथ से बार-बार पति को चूमे जा रही थी. इस बीच किसी ने ताबूत के अंदर शहीद नायक का चेहरा छूने की कोशिश की तो खुशबू ने फौरन उनका हाथ हटा दिया.
खुशबू कभी अपने हाथों को चुमकर अपने जांबाज पति को आखिरी विदाई दे रही है तो कभी ताबूत को चूमने लगती है. आंसुओं के बाढ़ को रोकना शायद अब खुशबू के बस में नहीं रहा. लिहाजा आंखों को छलकने से रोक नहीं पायी. दर्द की गठरी खुल गयी. अपनी पति की जाबांजी को याद कर रही है. आंसुओं के साथ मोहब्बत की धारा भी बह रही है.
इस मोहब्बत ने तो खुशबू का बहुत कड़ा इम्तिहान लिया. अभी ढ़ाई साल पहले ही तो खुशबू की शहीद नायक के साथ शादी हुई थी. अभी तो दोनों ने जिंदगी के हसीन सपने देखना शुरू ही किया था. अभी तो जिंदगी में खुशियों के रंग भरने बाकी ही थे कि काल के क्रूर हाथों ने खुशबू के जिंदगी में अंगारे भर दिये.
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के भारत-पाकिस्तान सीमा पर रजौरी में पाकिस्तान सैनिकों की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए सेना के नायक राजीव थापा शहीद हो गये. 23 साल के नायक राजीव थापा सेना के गोरखा रेजिमेंट में कार्यरत थे.
नायक राजीव की शहादत ने डुआर्स के खुशनुमा चाय बागानों में गम, गुस्से और मातम का माहौल पैदा कर दिया. फिजाओं में नायक राजीव थापा अमर रहे के नारे गुंज रहे थे. राज्य के मंत्री रवींद्रनाथ घोष, कालचीनी विधायक विल्सन चमप्रामारी, प्रशासनिक अधिकारी समेत इलाके का हर खासोआम इस अमर बलिदानी को आखिरी विदाई देने पहुंचा था.
जब शहीद नायक राजीव के ताबूत के पास उनकी पत्नी खुशबू को बुलाया गया तो जैसे दर्द का समंदर उफान पर आ गया. नायक राजीव तो अपने शौर्य की दास्तान लिखकर अमर हो गये. लेकिन उनकी वीरांगना पत्नी खुशबू ने अपने वीर पति के आखिरी विदाई में जो जज्बा व साहस दिखाया. उसे पूरे डुआर्स ने झुककर सलाम किया.
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