- अतुल राय का कामतापुरी भाषा अकादमी से इस्तीफा
- 2019 से कामतापुरी की पढ़ाई नहीं शुरू होने से असंतुष्ट
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जलपाईगुड़ी : केपीपी नेता ने ममता को छोड़ थामा भाजपा का दामन
अतुल राय का कामतापुरी भाषा अकादमी से इस्तीफा 2019 से कामतापुरी की पढ़ाई नहीं शुरू होने से असंतुष्ट जलपाईगुड़ी : केपीपी (कामतापुर प्रोग्रेसिव पीपुल्स पार्टी) नेता अतुल राय फिर से ममता बनर्जी का साथ छोड़ भाजपा की ओर झुकते दिख रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से गठित कामतापुरी भाषा अकादमी के वाइस चेयरमैन […]
जलपाईगुड़ी : केपीपी (कामतापुर प्रोग्रेसिव पीपुल्स पार्टी) नेता अतुल राय फिर से ममता बनर्जी का साथ छोड़ भाजपा की ओर झुकते दिख रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से गठित कामतापुरी भाषा अकादमी के वाइस चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा अकादमी के चेयरमैन नृसिंहप्रसाद भादुड़ी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक वह आगामी 7 दिसंबर को कूचबिहार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मंच साझा करेंगे. इस बारे में कामतापुरी भाषा अकादमी के चेयरमैन विजयचंद्र बर्मन और जलपाईगुड़ी जिला तृणमूल अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती का आरोप है कि अतुल राय ने यह फैसला अपने निजी स्वार्थ के लिए लिया है.
उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर, 2017 को उत्तरकन्या में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कामतापुरी भाषा अकादमी के गठन की घोषणा की थी. इस साल 21 फरवरी को पर्यटन मंत्री गौतम देव ने जलपाईगुड़ी के राजबाड़ीपाड़ा में अकादमी के नये भवन का उद्घाटन किया था. अकादमी की ओर से कामतापुरी भाषा के व्याकरण, शब्दकोश, पाठ्यक्रम आदि तैयार करने का काम चल रहा है.
अतुल राय का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि 2019 से प्राथमिक स्तर पर कामतापुरी भाषा की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इस बारे में कई बार मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया, लेकिन बात नहीं बनी. इसलिए उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पड़ा. उन्होंने कहा कि गत 1 व 2 दिसंबर को उन्होंने दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक की.
इस दौरान उन्हें भाजपा की ओर से कामतापुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए संसद में विधेयक लाने का आश्वासन मिला. इसे देखते हुए वह 7 दिसंबर को कूचबिहार में अमित शाह के साथ भाजपा के मंच पर रहेंगे. एक सवाल के जवाब में कहा कि वह कौन से राजनीतिक दल में रहेंगे, यह उनका व्यक्तिगत विषय है. जहां भी रहेंगे, अलग राज्य की अपनी मांग पर कायम रहेंगे.
इधर अकादमी के दूसरे वाइस चेयरमैन डॉ धीरेंद्रनाथ दास ने बताया कि मुख्यमंत्री और चेयरमैन के निर्देश पर पूर्व-प्राथमिक से लेकर तृतीय श्रेणी तक की पाठ्यपुस्तकें तैयार कर ली गयी हैं. चौथी व पाचवीं की किताबें तैयार करने का काम भी 70 प्रतिशत खत्म हो गया है. ऐसे में अतुल राय ने इस्तीफा क्यों दिया, उन्हें नहीं मालूम. अतुल राय राजनीतिक व्यक्ति हैं इसलिए इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण ही होगा.
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