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जिला अस्पताल में बुजुर्गों के लिए अलग से काउंटर

अस्पताल परिसर में वाटर एटीएम लगाने की भी तैयारी एक अन्य इमारत बनाने का भी प्रस्ताव मंजूरी का इंतजार रोगी कल्याण समिति की बैठक में कई निर्णय लिये गए सिलीगुड़ी : दिसंबर महीने से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में साठ वर्ष से उपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओपीडी के अलग टिकट काउंटर की व्यवस्था की […]

  • अस्पताल परिसर में वाटर एटीएम लगाने की भी तैयारी
  • एक अन्य इमारत बनाने का भी प्रस्ताव मंजूरी का इंतजार
  • रोगी कल्याण समिति की बैठक में कई निर्णय लिये गए
सिलीगुड़ी : दिसंबर महीने से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में साठ वर्ष से उपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओपीडी के अलग टिकट काउंटर की व्यवस्था की जा रही है. सिर्फ यही नहीं बल्कि उन्हें दवा देने के लिए भी अलग से काउंटर बनाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त अस्पताल परिसर में वाटर एटीएम की व्यवस्था भी की जा रही है. अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों के परिजनों को दुकान से पेयजल खरीद कर पीना पड़ता है. वाटर एटीएम की व्यवस्था के बाद मरीजों व उनके परिजनों को मुफ्त में पानी मुहैया कराया जायेगा.
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में ओपीडी परिसेवा के लिए दो रूपए का टिकट लेना पड़ता है. दो रूपए के इस टिकट के लिए मरीज या उनके परिजनों को घंटो कतार में खड़ा होना पड़ता है. यहां मात्र दो ही टिकट काउंटर हैं. टिकट के लिए बुजुर्गों को भी कतार में खड़ा होना पड़ता है. प्रत्येक दिन सुबह 8 बजे से ही काउंटर के सामने कतार खड़ी हो जाती है. टिकट लेने के बाद ओपीडी में डॉक्टर से मुलाकात के लिए भी कतार लगानी पड़ती है. भीड़ और दो बार कतार लगाने की वजह से कोई चाह कर भी बुजुर्गों के लिए पहले आप की पहल नहीं करता है. लेकिन दिसंबर महीने से बुजुर्गों को टिकट के लिए कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी.
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में अग्निशमन की समुचित व्यवस्था नहीं है. काफी तोड़-जोड़ के बाद रिजर्वर को बना,लेकिन अस्पताल बिल्डिंग में पाईप लाइन का काम नहीं कराया गया है. पाइप लाइन कार्य की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन ने राज्य पीडब्ल्यूडी विभाग को दी है. करीब 71 लाख रूपये के इस कार्य के लिए तीन बार टेंडर जारी हुआ लेकिन तीनों बार टेंडर निरस्त हो गया है.
पाइप लाइन का काम कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने पीडब्ल्यूडी विभाग से आवेदन किया है. वायरल फीवर व डेंगू के मौसम में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का वार्ड भर जाता है. पैर रखने की जगह तक नहीं होती है. अस्पातल की भीड़ कम करने के लिए प्रबंधन ने एक और जी प्लस 4 बिल्डिंग तैयार करने का निर्णय लिया है. बिल्डिंग का डिजाइन व डीपीआर राज्य स्वास्थ विभाग को भेज दिया गया है. बस अनुमोदन का इंतजार है. 9 हजार 650 वर्गफीट में बनने वाली इस इमारत में कई वार्ड व ओपीडी के कई विभाग को अन्यत्र ले जाने की योजना है.
अनाथ बच्चों को होम में भेजने की तैयारी
पिछले करीब एक वर्ष में सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों से बरामद बच्चों को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में लाया गया था. फिलहाल कुल पांच अनाथ बच्चे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल प्रबंधन की गोद में पल रहे हैं. दो बच्चे एसएनसीयू वार्ड में हैं जबकि तीन पेडियाट्रिक विभाग में बड़े हो रहे हैं. बच्चों की उम्र डेढ़ महीने से 1 वर्ष तक है. इन बच्चों को होम में रखने की अपील अस्पताल प्रबंधन ने जिला स्वास्थ विभाग व जिला प्रशासन से की है.
ब्लड कंपाउड सेपरेटर का उद्घाटन करेंगी मुख्यमंत्री
रक्त की कमी सिलीगुड़ी जिला अस्पताल व उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की एक बड़ी समस्या रही है. सड़क हादसे के शिकार लोगों व प्रसूति महिलाओं को रक्त की अधिक जरूरत होती है. जानकारो के मुताबिक सभी को रक्त के सभी अवयवों की जरूरत नहीं होती है. किसी मरीज को लाल रक्त कणिका, तो किसी को श्वेत रक्त कणिका सहित कई अवयव होते हैं. सड़क हादसे के शिकार, प्रसूति महिला, ब्लड कैंसर आदि के मरीजों को बल्ड के अलग-अलग अवयवों की आवश्यकता होती है. लेकिन ब्लड कंपाउंड सेपरेटर व्यवस्था के अभाव में मरीजों को युनिट भर रक्त चढ़ा दिया जाता है.
बल्कि रक्त को अलग-अलग कर लेने से एक युनिट रक्त से कई मरीजों का इलाज संभव है. वर्षों बाद उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में मशीन व डॉक्टरों की व्यवस्था कर ब्लड कम्पाउंड सेपरेटर युनिट शुरू करने की तैयारी है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के ब्लड कम्पाउंड सेपरेटर युनिट पर ही निर्भर है. लेकिन जनवरी महीने से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भी ब्लड कम्पाउंड सेपरेटर युनिट शुरू होने जा रहा है. युनिट का पूरा काम लगभग पूरा किया जा चुका है. मशीन व उपकरण कोलकाता से लाये जा रहे हैं. इस युनिट का उद्घाटन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी.
एक सप्ताह बाद शुरू होगा डिजिटल एक्स-रे
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का डिजिटल एक्स-रे मशीन बीते शनिवार से खराब है. अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार चूहे ने मशीन का केबल कुतर दिया है. केबल बदलने के बाद ही मशीन चालू होने की संभावना है. मशीन का केबल कोलकाता से मंगाया जा रहा है. डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के डिजिटल एक्स-रे युनिट में 40 से 50 मरीजों का एक्स-रे कराया जाता है. एक्स-रे के लिए मरीजों की तिथि निर्धारित करी जाती है. बीते दस दिनों से मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को बाजार से एक्स-रे कराना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं चेयरमैन
सोमवार को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रोगी कल्याण समिति की बैठक हुयी. इस बैठक में सिलीगुड़ी के महकमा शासक सिराज दानेश्वर, रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डॉ. रूद्रनाथ भट्टाचार्य, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के अधीक्षक अमिताभ मंडल सहित पुलिस प्रशासन व अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे. कई विषयों को लेकर आज की बैठक में चर्चा हुयी. रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डॉ. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने बताया कि जनवरी से ब्लड कम्पाउंड सेपरेटर युनिट शुरू किया जा रहा है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से टिकट काउंटर व दवा काउंटर की व्यवस्था की जा रही है.

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