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रेलवे ने चोरी-चोरी, चुपके-चुपके बंद की दो ट्रेनें, बिहार-झारखंड के लोगों को होगी परेशानी

– कामाख्या रांची एक्सप्रेस भी बस एक दिन – सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन भी अचानक बंद – छठ पूजा के दौरान घर जाना हुआ मुश्किल – बस का किराया भी आसमान पर, राहत नहीं – विरोधियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर बोला हमला – पूजा के बाद तृणमूल ने की आंदोलन की तैयारी सिलीगुड़ी […]

– कामाख्या रांची एक्सप्रेस भी बस एक दिन

– सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन भी अचानक बंद

– छठ पूजा के दौरान घर जाना हुआ मुश्किल

– बस का किराया भी आसमान पर, राहत नहीं

– विरोधियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर बोला हमला

– पूजा के बाद तृणमूल ने की आंदोलन की तैयारी

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है. बांग्लादेश, भूटान व नेपाल की अंतराष्ट्रीय सीमाओं के साथ कई राज्यों की सीमाएं भी सिलीगुड़ी से सटी हुई है. जिसकी वजह से सिलीगुड़ी व्यापारिक केंद्र भी माना जाता है. दो मुख्य बस स्टैंड, दो रेलवे स्टेशन व कई व्यापारिक केंद्र यहां है. विभिन्न प्रांतो के निवासी सिलीगुड़ी में हैं. सिलीगुड़ी व आस-पास के चाय बागानों खास कर डुवार्स में रांची के भी काफी लोग रहते हैं.

सिलीगुड़ी में बिहार व उत्तर प्रदेश के निवासियों की कई बस्तियां हैं. इसके बाद भी रेलवे प्रबंधन रांची, बिहार व उत्तर प्रदेश के निवासियों को नजर अंदाज कर रही है. सिलीगुड़ी से होकर रांची व बिहार के सीतामढ़ी जाने वाली दो ट्रेनें पिछले कई महीनों से लगातार बंद है. ट्रेन बंद होने से हिंदी भाषियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

सिलीगुड़ी भले ही बंगाल का महत्वपूर्ण शहर है, लेकिन यहां रांची, बिहार व उत्तर प्रदेश से जुड़े लोगों की आबादी यहां के मूल निवासियों से कम नहीं है. सिलीगुड़ी में हिंदी माध्यम के प्राथमिक व उच्च विद्यालयों में छात्र-छात्राओं से हिंदी भाषी जन समूह का अंदाजा लगाया जा सकता है. सिलीगुड़ी नगर निगम के 1 नंबर वार्ड का कुलीपाड़ा, रतन लाल बस्ती, बीआरआई कॉलोनी, मल्लागुड़ी, दुर्गागुड़ी, 2 नंबर वार्ड का प्रधान नगर, बाघाजतीन कॉलोनी, 3 नंबर वार्ड में गुरूगंबस्ती, दुर्गा नगर, 4 नंबर वार्ड का ट्यूमल पाड़ा, 5 नंबर वार्ड का गंगा नगर, संतोषी नगर, 6 नंबर वार्ड स्थित डांगीपाड़ा, सात नंबर वार्ड का विवेकानंद नगर, खाल पाड़ा, 8 नंबर वार्ड का आलू पट्टी, 9 नंबर वार्ड, 18 नंबर वार्ड का बागराकोट, चक्कू पट्टी, 36 व 37 नंबर वार्ड, 41,42 व 43 नंबर वार्ड का प्रकाश नगर, गांधी नगर व अन्य इलाका, 45 नंबर वार्ड, 46 नंबर वार्ड का चंपासारी, नया बस्ती, उत्पल नगर, प्रमोद नगर, राजीव नगर, समर नगर आदि इलाका हिंदी भाषी जन बहुल इलाका माना जाता है. इसके अतिरिक्त निगम इलाके से सटे देवीडांगा, माटीगाड़ा, शिवमंदिर, बागडोगरा, विधान नगर, नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी आदि इलाकों में हिंदी भाषी बसे हुए हैं. इसके बाद भी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे हिंदी भाषियों की समस्या नहीं समझ रही है. रांची व बिहार के सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेनें लगातार बंद रहने से हिंदी भाषियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हांलाकि सिलीगुड़ी से बिहार व रांची के लिए काफी निजी बसें चलती है. लेकिन बसों का किराया 400 रुपये से अधिक हैं. वातानुकुलित बसों का किराया 500 रुपये है. ट्रेन बंद होने से पर्व-त्योहारों में इन लोगों को अपने घर लौटना एक परेशानी का सबब बन गया है. उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी कच्चे माल की मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में व्यवसायी से लेकर मजदूर व रिक्शा, वैन चलाने चलाने वाले बिहार व यूपी से ताल्लुकात रखते हैं.

इसके अतिरिक्त बस स्टैंड व व्यापारिक संस्थानों में काम करने वाले अधिकांश लोग बिहार, यूपी व रांची से जुड़े हैं. जानकारी के मुताबिक सिलीगुड़ी जंक्शन व न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से रांची जाने वाली दो ट्रेने थी. न्यू जलपाईगुड़ी से सिलीगुड़ी जंक्शन होते हुए, ठाकुरगंज, किशनगंज, कटिहार, खगड़िया, बेगुसराय, बरौनी, कियुल, जसीडीह से होकर रांची के हटिया स्टेशन तक जाती थी.

यह ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार की सुबह न्यू जलपाईगुड़ी से रांची के लिए रवाना होती थी. लेकिन इस ट्रेन को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. जबकि दूसरी ट्रेन कामाख्या से डुआर्स और सिलीगुड़ी जंक्शन, न्यू जलपाईगुड़ी, किशनगंज, होते हुए रांची जाती थी. यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शनिवार को अलीपुरद्वार से रांची के लिए रवाना होती थी. बाद में इस ट्रेन को असम के कामाख्या तक बढ़ा दिया गया. लेकिन सप्ताह में दिन कम कर सिर्फ शनिवार कर दिया गया.

इसके अतिरिक्त कुछ वर्ष पहले न्यू जलपाईगुड़ी से किशनगंज, कटिहार, बेगुसराय, बरौनी, समस्तीपुर के रास्ते दरभंगा के लिए एक ट्रेन चलती थी.यह ट्रेन प्रत्येक बुधवार की रात 10 बजे न्यू जलपाईगुड़ी से दरभंगा व प्रत्येक गुरूवार की शाम सात बजे दरभंगा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होती थी. इस ट्रेन में सात से आठ जनरल कोच दस के करीब स्लीपर व तीन वातानुकुलित कोच हुआ करती थी. यह ट्रेन पिछले करीब छह महीने से लगातार रद्द है. 28 नवंबर तक यह ट्रेन रद्द बतायी जा रही है.

इंटरनेट, आइआरसीटीसी की साइट व रेलवे बुकिंग टिकट काउटंर पर 5 दिसंबर से यह ट्रेन चलने की बात बतायी जा रही है. लेकिन 5 दिसंबर से भी यह ट्रेन चलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है. यह स्थिति हिंदी भाषियों के लिए काफी समस्या खड़ी कर रही है. हांलाकि सिलीगुड़ी जंक्शन व न्यू जलपाईगुड़ी से होकर किशनगंज, कटिहार, नवगछिया, खगड़िया, बेगुसराय, बरौनी समस्तीपुर के रास्ते दरभंगा व खगड़िया से रोसड़ा होकर समस्तीपुर व बरौनी से हाथीदह से होकर दिल्ली को जाने वाली कई ट्रेने हैं. लेकिन इन ट्रेनों के जनरल कोच में खड़े रहने की तक की जगह नहीं होती है.

रांची व सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन के बंद होने से हिंदी भाषियों में रेलवे प्रबंधन के खिलाफ काफी रोष है. मल्लागुड़ी के रतनलाल बस्ती निवासी बेचन सहनी, चंपासारी के रामेश्वर दास, गुरूंगबस्ती के जय नारायण झा, अजय झा आदि ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि आखिरकार इन दो ट्रेनों को बंद करने से रेलवे को क्या फायदा या किस समस्या का समाधान हो गया. बल्कि बिहार व रांची जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गयी.

इन दो ट्रेनों के बंद होने से नाराज दार्जिलिंग जिला तृणमूल के महासचिव तथा सिलीगुड़ी नगर अध्यक्ष संजय पाठक ने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से रेलवे क्या कर रही है, यह समझ से परे है. सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में बिहार व रांची से जुड़े काफी लोग हैं. इन ट्रेनों के बंद होने से उन लोगों को काफी समस्या हो रही है.

तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी से बसों का किराया भी बढ़ गया है. छठ पूजा के बाद इन दो ट्रेनों को जल्द सुचारू कराने के लिए रेलवे प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा जायेगा. रेलवे की आनाकानी पर एक जन आंदोलन शुरू किया जायेगा. लेकिन हर हाल में इन दो ट्रेनों को चालू करना होगा.

रेलमंत्री आयेंगे, सौंपेंगे ज्ञापन

वहीं दूसरी ओर भाजपा के सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा के महासचिव कन्हैया पाठक ने कहा कि इस मसले को लेकर वे दार्जिलिंग जिला सासंद एसएस अहलूवालिया के साथ बात करेगें, साथ ही उनके मार्फत रेल मंत्रालय तक मसले को पहुंचायेगें. इसी महीने रेल मंत्री के भी उत्तर बंगाल व असम दौरा है. उनसे भी इस मुद्दे पर बातचीत की जायेगी.

सिलीगुड़ी के माकपा नेता सह सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह ने कहा कि सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में हिंदी भाषियों की तादात इतनी अधिक है कि इन दो ट्रेनों के साथ दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में भी बिहार जाने वाली यात्रियों की संख्या काफी होती है. इन दो ट्रेनों को जल्द चालू करने के साथ-साथ बिहार के लिए और ट्रेन शुरू की जानी चाहिए.

जबकि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि किसी कारणवश ट्रेनों को बंद किया गया है. रेलवे की अनुमति पर ही ट्रेन को चालू किया जायेगा. फिलहाल कुछ भी कह पाना संभव नहीं है.

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