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काली पूजा : कामाख्या मंदिर की तर्ज पर बन रहा पंडाल, ‘ढाके साजे’ स्वरूप का होगा दर्शन

सिलीगुड़ी : बंगाली समाज में श्यामा पूजा यानी काली पूजा का भी विशेष महत्त्व है. यह पर्व अगले महीने अमावस्या की रात यानी छह नवंबर शनिवार को मनाया जायेगा. इसकी तैयारी जोरशोर से की जा रही है. इसी के मद्देनजर विभिन्न क्लब व पूजा आयोजक कमेटियों में दुर्गा पूजा की ही तरह काली पूजा को […]

सिलीगुड़ी : बंगाली समाज में श्यामा पूजा यानी काली पूजा का भी विशेष महत्त्व है. यह पर्व अगले महीने अमावस्या की रात यानी छह नवंबर शनिवार को मनाया जायेगा. इसकी तैयारी जोरशोर से की जा रही है. इसी के मद्देनजर विभिन्न क्लब व पूजा आयोजक कमेटियों में दुर्गा पूजा की ही तरह काली पूजा को भी भव्य रुप से आयोजित करने के लिए होड़ लगी है.
शहर के हिलकार्ट रोड स्थित निलाद्री शिखर (दस तल्ला) बिल्डिंग के सामने रॉयल टोटर्स स्पोर्टिंग (आरटीएस) क्लब की श्यामा पूजा का शहरवासियों को वर्ष भर इंतजार रहता है. 40 वर्षों से भव्य व अलौकिक पूजा आयोजित करने के लिए आरटीएस शहरवासियों के बीच एक अलग पहचान बना चुका है. इस बार 41वें वर्ष में पदार्पण करने के उपलक्ष्य में क्लब शहरवासियों को मां कामख्या मंदिर का दर्शन कराने का निर्णय लिया गया है.
कामाख्या मंदिर के तर्ज पर ही क्लब की ओर से विशाल मंडप बनाने का काम जोरशोर से जारी है. मंडप को मंदिर का रुप देने के लिए कारीगर भी बीते कई रोज से जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. आयोजक कमेटी के अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में विराजमान देवी के तर्ज पर ही अढ़ाई फुट की मूर्ति को भी स्थापित किया जायेगा. पूजा के दौरान दर्शनार्थियों को शक्ति स्वरुपा मां का ‘ढाके साजे’ भव्य व विराट स्वरुप का दर्शन करने का मौका मिलेगा. आयोजक कमेटी के प्रवक्ता नरेंद्र श्रीवास्तव उर्फ नारु ने बताया की विशाल मंडप के साथ ही चंदन नगर की अलौकिक प्रकाश सज्जा से शहर चकाचौंध होगा.
वेनस मोड़ व मेघदूत सिनेमा हॉल के सामने दो जगहों पर इलेक्ट्रिक का विशाल तोरण द्वार होगा. चंदन नगर व सिलीगुड़ी के इलेक्ट्रिशियन मिलकर हिलकार्ट रोड को पूरी तरह जगमग करेंगे. साथ ही विभिन्न पशु-पक्षियों की आवाज के साथ अद्भूत मेक्निकल लाइट भी बच्चों को आकर्षित करने के लिए है. नारु ने बताया कि इस मेक्निकल लाइट के जरिये लोगों में वन्य-प्राणियों के संरक्षण करने और खास तौर पर बच्चों को इनके प्रति लगाव बढ़ाने का पैगाम दिया जायेगा.
क्लब के सचिव रवि घोष ने बताया कि छह नवंबर की रात को मां के दरबार का पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जायेगा. मां कामाख्या धाम के ही पुजारी द्वारा मां की आराधना पर विचार चल रहा है. व्योम मिंडा ने बताया कि चार दिवसीय पूजा के दौरान दर्शनार्थियों की सुरक्षा, भीड़ व ट्रैफिक कंट्रोल पर भी निगरानी रखी जायेगी. इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ ही एजेंसी से सुरक्षा गार्डों का सहयोग लिया जायेगा. इसके अलावा क्लब के दो सौ से भी अधिक सदस्य व युवा कार्यकर्ता हमेशा मुश्तैद रहेंगे. आपातकालीन सेवा मेडिकल, अग्निशमन, एंबुलेंस, खोया पाया प्रचार-प्रसार आदि भी सुचारू रूप से दी जायेगी.
नौ नवंबर यानी शुक्रवार को रंगारंग झांकियों के साथ मां का विसर्जन किया जायेगा. इस दौरान मां को सुसज्जित बैलगाड़ी पर विराजमान किया जायेगा. मां का यह अलौकिक रथ विशाल शोभा यात्रा के रुप में शहर का परिक्रमा करते हुए महानंदा नदी के लाल मोहन निरंजन मौलिक घाट पहुंचेगी और वहां मां को पूरे विधि-विधान के साथ विसर्जन किया जायेगा. श्यामा पूजा को सफल बनाने के लिए क्लब के अध्यक्ष जीएस होरा, नंदु सिंह, देव दत्त गुप्ता, प्रेम अरोड़ा समेत सभी वरिष्ठ सदस्य व कार्यकर्ता भी पूरे उमंग के साथ तैयारी में जुटे हुए हैं.

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