सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी शहर तथा इसके आसपास के इलाकों में सफेद तथा नीले रंग की नो रिफ्यूजल टैक्सी चलाने की सरकार की योजना को फिलहाल पलीता लगता दिख रहा है. इस मुद्दे को लेकर जिला परिवहन विभाग ने जिस बैठक का आयोजन किया था, उसके फेल होने की खबर है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दाजिर्लिंग के परिवहन अधिकारी ने इस मुद्दे को लेकर कर्सियांग में कल देर शाम सिलीगुड़ी के बस मालिकों तथा ऑटो रिक्शा मालिकों को लेकर एक बैठक बुलायी थी. इस बैठक में नो रिफ्यूजल टैक्सियों के परमिट देने के साथ-साथ सिलीगुड़ी से सिटी ऑटो को हटा कर मैक्सी चलाने की योजना पर विचार-विमर्श होना था. बैठक में सिलीगुड़ी के बस मालिकों के पांच संगठनों के नेताओं के साथ-साथ सिटी ऑटो मालिकों के 11 संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था. बैठक में राज्य परिवहन विभाग के अधिकारी के साथ-साथ दाजिर्लिंग के जिला शासक पुनीत यादव एवं सिलीगुड़ी के एआरटीओ भी शामिल होने वाले थे. सिलीगुड़ी से कल सुबह ही बस मालिक संगठन के नेता और सिटी ऑटो मालिक संगठन के प्रतिनिधि कर्सियांग के सर्किट हाउस पहुंच गये, लेकिन वहां इन लोगों के बैठक की कोई व्यवस्था नहीं थी.
सिलीगुड़ी से इतने लोगों के बैठक में आने से जिला शासक पुनीत यादव भी भड़क गये. उन्होंने बस मालिकों को कहा कि आज की बैठक में वह लोग हिस्सा नहीं ले सकते. ऑटो मालिकों के संगठन के लोगों को भी इसी तरह की बात कही गई. इसकी वजह से दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया. बाद में जिला शासक ने सिलीगुड़ी से गये लोगों में से कुछ लोगों को बैठक में शामिल होने का न्यौता दिया. इससे सभी लोग नाराज हो गये और उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया. सिलीगुड़ी से गये प्रतिनिधियों का कहना था कि जिला प्रशासन के आमंत्रण पर ही वह लोग बैठक में शामिल होने के लिए सिलीगुड़ी से कर्सियांग गये. उन्होंने जिला शासक पर अपमानित करने का आरोप लगाया. मामला इतना बढ़ गया कि बैठक ही नहीं हो सकी. बगैर बैठक के ही सिलीगुड़ी से गये लोग वापस लौट गये. यहां उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी शहर में एक हजार नो रिफ्यूजल टैक्सी चलाने की योजना के साथ-साथ सिलीगुड़ी से सिटी ऑटो को हटाकर उसके स्थान पर मैक्सी चलाने की योजना बनायी है.
राज्य सरकार की इस योजना से सिलीगुड़ी के सिटी ऑटो मालिक भड़के हुए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. सिटी ऑटो मालिक अपना यही पक्ष रखने के लिए बैठक में शामिल होने के लिए गये थे. लेकिन यह बैठक नहीं हो पाने के कारण उननमें भारी निराशा है.