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भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में जमकर मारपीट, आठ जख्मी

बानरहाट : ग्राम पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर भाजपा-तृणमूल समर्थकों के बीच संघर्ष में दोनों पक्षों के कम से कम आठ लोग जख्मी हुए हैं. आरोप है कि मंगलवार को हंगामे के दौरान भाजपा की एक गर्भवती पंचायत सदस्य के पेट पर लात मारे जाने से उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. इसके अलावा […]

बानरहाट : ग्राम पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर भाजपा-तृणमूल समर्थकों के बीच संघर्ष में दोनों पक्षों के कम से कम आठ लोग जख्मी हुए हैं. आरोप है कि मंगलवार को हंगामे के दौरान भाजपा की एक गर्भवती पंचायत सदस्य के पेट पर लात मारे जाने से उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. इसके अलावा भाजपा समर्थकों के पथराव में बानरहाट थाना के आइसी विपुल सिन्हा समेत पांच पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं.
इस दौरान पुलिस के दो वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया. मंगलवार को दिनभर चले संघर्ष में दोनों पक्षों के कम से कम आठ लोग जख्मी हुए हैं. इनमें से भाजपा के तीन पंचायत सदस्यों को पहले धूपगुड़ी ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उन्हें जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलियटी हॉस्पिटल में रेफर किया गया. उत्तेजित भाजपा समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने चार राउंड आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज किया.
जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी ब्लॉक के तहत बानरहाट थाना अंतर्गत साकोवाझोड़ा एक नंबर ग्राम पंचायत के बोर्ड गठन को लेकर विवाद होने की आशंका पहले से थी. इसलिए सुबह से ही विशाल पुलिस बल ग्राम पंचायत परिसर में मौजूद रहा. उसके बावजूद भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच हाथापाई ने बढ़ते-बढ़ते हिंसक संघर्ष का रूप ले लिया.
आरोप है कि समर्थकों ने ग्राम पंचायत कार्यालय के सामान वगैरह को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना के दौरान तृणमूल समर्थकों पर हमले का आरोप लगाकर भाजपा समर्थकों ने करीब तीन घंटे तक एशियन हाइवे जाम कर दिया. वहीं, तृणमूल के पक्ष से भी भाजपा के पंचायत सदस्यों पर हमले का आरोप लगाया गया है.
इस ग्राम पंचायत की कुल 27 में से भाजपा को 14 और तृणमूल को 12 सीटें मिली हैं. सीपीआई को एक सीट पर जीत मिली है. बोर्ड गठन के पहले ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर विरोधी दल के सदस्यों का अपहरण करने का आरोप लगाया.
आखिर में 14 सदस्यों के समर्थन से तृणमूल ने बोर्ड गठन में सफलता पायी. जिस भाजपा पंचायत सदस्य के अपहरण का आरोप भाजपा नेतृत्व लगा रहा था, उसी विनोद उरांव को तृणमूल के समर्थन से प्रधान चुना गया. तृणमूल द्वारा समर्थित सीपीआइ के सदस्य सुधीर चंद्र राय को उप-प्रधान चुना गया. बोर्ड गठन के बाद संघर्ष भड़क उठा.
तृणमूल नेताओं का आरोप है कि भाजपा बोर्ड नहीं बना सकी. इसलिये उन्होंने तृणमूल के सदस्यों पर हमला किया. वहीं, भाजपा का आरोप है कि तृणमूल समर्थकों ने उन पर हमला किया. पंचायत कार्यालय में ही बैलट पेपर फाड़ने और वहां रखे फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया गया. संघर्ष में जख्मी भाजपा के पांच पंचायत सदस्यों को धूपगुड़ी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उनमें से अनिता राय, समीर मजूमदार और तपन राय को जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रेफर किया गया.
उल्लेखनीय है कि अनिता राय गर्भवती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पेट पर तृणमूल समर्थकों ने लात मारी. मारपीट में तृणमूल के पंचायत सदस्य गोपाल चक्रवर्ती समेत और दो सदस्य जख्मी हुए हैं. प्रतिवाद में भाजपा समर्थकों ने एशियन हाइवे को जाम कर दिया. बाद में पुलिस ने अवरोध हटाने के लिए पहले आंसू गैस और फिर लाठीचार्ज किया. वहीं, भाजपा समर्थकों के पथराव में आइसी विपुल मजुमदार, एसआइ अभिजीत मजूमदार व तीन अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं.
इस संबंध में पुलिस ने 18 भाजपा समर्थकों को हिरासत में लिया है.घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मदारीहाट से भाजपा के विधायक मनोज तिग्गा ने बताया कि लोकतंत्र की हत्या की गयी है. बोर्ड गठन के दौरान अचानक तृणमूल समर्थकों ने हमला बोल दिया. उन्होंने गर्भवती महिला तक को नहीं बख्शा. यह बोर्ड गठन अलोकतांत्रिक है. इसके खिलाफ बीडीओ के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी है. बाद में तैयारी के साथ आंदोलन किया जायेगा.

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