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सोलह श्रृंगार करेगी उर्मिला व लक्ष्मी, एक दिन के लिए हाथी सफारी से मुक्ति
सिलीगुड़ी : हाथी एक शांतिप्रिय जानवर होता है. लेकिन यदि उसका गुस्सा भड़क गया तो वह पल भर में ही तांडव मचा सकता है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान डुवार्स तथा विभिन्न वनांचल इलाके में हाथियों तथा आम लोगों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं घटी हैं. इसका मुख्य कारण आमलोगों में जागरूकता की कमी […]
सिलीगुड़ी : हाथी एक शांतिप्रिय जानवर होता है. लेकिन यदि उसका गुस्सा भड़क गया तो वह पल भर में ही तांडव मचा सकता है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान डुवार्स तथा विभिन्न वनांचल इलाके में हाथियों तथा आम लोगों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं घटी हैं. इसका मुख्य कारण आमलोगों में जागरूकता की कमी है.
भोजन की तलाश में हाथी रिहायशी इलाके में आ जाते हैं. तब आमलोग हाथी को देखने,उसके साथ सेल्फी लेने और खदेड़ने के लिए कुछ इस प्रकार उतावले हो जाते हैं कि हाथी का गुस्सा भड़क जाता है. यही कारण है कि हाथियों के हमले में अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं. जबकि काफी घरों को हाथियों ने तोड़फोड़ कर तहस-नहस कर दिया है. अगर हाथी रिहायशी इलाके में प्रवेश कर जाए तो शांति से काम लेना चाहिए और हाथी को उकसाना नहीं चाहिए. हाथी चुपचाप जंगल वापस चला जाएगा.
आम लोगों को इसी बात की जानकारी देने तथा जागरुक करने के लिए बंगाल सफारी पार्क द्वारा इस महीने की 12 तारीख को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर बंगाल सफारी पार्क के दो हाथी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इनका नाम उर्मिला तथा लक्ष्मी हैं. उस दिन उर्मिला और लक्ष्मी पर्यटकों को रिझाने के लिए सोलह श्रृंगार करेंगी. दोनों हाथियों को विशेष रूप से सजाया-संवारा जाएगा. उस दिन इन दोनों हाथियों को सफारी कराने से पूरी तरह छुट्टी दे दी गयी है. दोनों को पर्यटकों को अपनी पीठ पर बिठाकर जंगल सफारी नहीं करानी होगी.
उल्लेखनीय है कि बंगाल सफारी पार्क में फिलहाल दो हाथी है. यहां हर दिन ही भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. इन दोनों हाथियों के बदौलत ही यहां एलीफेंट सफारी संचालित होता है. 12 अगस्त को दोनों हाथियों को विशेष रुप से आराम दिया गया है. हालांकि बंगाल सफारी पार्क आने वाले पर्यटक तथा आम लोग दोनों हाथियों को देख सकेंगे. विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी इस मौके पर बंगाल सफारी पार्क में आमंत्रित किया गया है.
बंगाल सफारी पार्क के बायोलॉजिस्ट आदित्य मित्रा ने बताया है कि 12 तारीख को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर बंगाल सफारी पार्क में एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है. जिसमें हाथी से संबंधित विभिन्न चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे. उन्होंने आगे बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान आम लोगों तथा हाथियों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं घटी है. दरअसल आम लोगों में जागरूकता की कमी के कारण हाथियों के हमले का शिकार होना पड़ता है.
सेल्फी के चक्कर में जा सकती है जान
वास्तविकता यह है कि हाथी हमलावर जानवर ही नहीं होता. वह काफी शांतिप्रिय जानवर होता है. आम लोगों द्वारा उकसावे की वजह से हाथी गुस्से में आ जाता है. उन्होंने सेल्फी लेने की होड़ पर भी अपनी चिंता प्रकट की. श्री मित्रा ने कहा कि काफी संख्या में पर्यटक बंगाल सफारी पार्क तथा डुवार्स के जंगलों में आते हैं.
हाथी को देखते ही लोगों में सेल्फी लेने की होड़ मच जाती है. यह काफी खतरनाक है. कई बार सेल्फी लेने के चक्कर में आम लोगों को हाथियों के हमले का शिकार होना पड़ा है. कुछ साल पहले सिलीगुड़ी शहर में एक हाथी घुस आया था. तब हाथी ने काफी तांडव मचाया था. उसके पीछे मुख्य कारण आम लोगों द्वारा हाथी के साथ सेल्फी लेना तथा उसको उकसाना था. हाथी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ लग गई थी. कुछ लोग उसके साथ सेल्फी लेने लगे थे.
इसी वजह से हाथी परेशान हो गया और उसने तबाही मचाई. यहां उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले एक हाथी जंगली क्षेत्र से निकलकर सेवक रोड इलाके में आ गया था. उस समय हाथी ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी और जमकर तांडव मचाया था.
स्वयं डरपोक होते हैं हाथी
उन्होंने आगे कहा कि वास्तविकता यह है कि हाथी स्वयं भी काफी डरपोक प्राणी होता है. वह शोर शराबे से काफी डरता है. लेकिन शोर-शराबे में ही उसे भड़कते भी देर नहीं लगती. एक बार यदि हाथी भड़क गया तो उस को काबू में कर पाना बहुत मुश्किल होता है. उसके सुड़ में काफी ताकत होती है और वह कभी भी बड़ी तबाही मचा सकता है.
हाथी को क्या है पसंद
श्री मित्रा ने कहा कि हाथी को गर्मी के मौसम में नहाना और ठंड में गुड़ खाना काफी पसंद है.इसमें उनको किसी प्रकार की खलल बर्दाश्त नहीं है. गर्मी के मौसम में हाथी को काबू में रखने के लिए उनको ठंडा रखना भी बेहद जरूरी है. ऐसे हाथी स्वयं ही गर्मी लगने पर सुड़ से अपने उपर मिट्टी डालते रहेते हैं. हांलाकि इससे उनको राहत नहीं मिलती. इस मौसम में हाथियों के ठंडे पानी में नहाना ज्यादा जरुरूी है. बंगाल सफारी पार्क के दोनों हाथियों को नियमित रूप से पानी से नहवाया जाता है.
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