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बच्चों के भविष्य को लेकर एकजुट हुए अभिभावक
सिलीगुड़ी : सरकारी नियम के अनुसार किसी भी सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने की अनुमति नहीं है. इसके समर्थन में पिछले दिनों में प्राइवेट ट्यूटर्स की ओर से शहर व्यापी जोरदार आंदोलन भी किया गया था. साथ ही सरकारी नियमों की अनदेखी कर प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को […]
सिलीगुड़ी : सरकारी नियम के अनुसार किसी भी सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने की अनुमति नहीं है. इसके समर्थन में पिछले दिनों में प्राइवेट ट्यूटर्स की ओर से शहर व्यापी जोरदार आंदोलन भी किया गया था. साथ ही सरकारी नियमों की अनदेखी कर प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को चिन्हित कर उचित कार्यवाही की मांग में डीआई को ज्ञापन भी सौंपा गया था.
जिसके बाद डीआई की ओर से सिलीगुड़ी के विभिन्न सरकारी विद्यालय को एक नोटिस दिया गया. जिसमें प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची मांगी गयी. यह सूची विद्यालय प्रबंधन से 15 दिनों के भीतर मांगी गई है. इधर,सरकारी विद्यालय के छात्र-छात्राओं के माता पिता का कहना है कि उनके बच्चे किसके पास ट्यूशन पढ़ेंगे ये उनका निजी मामला है. अभिभावकों का कहना है कि सरकारी शिक्षक नि:शुल्क कोचिंग देकर विद्यार्थियों की मदद करना चाहते हैं.अब उसपर भी रोक लगायी जा रही है. उसके बाद सोमवार को विभिन्न सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों ने सिलीगुड़ी के डीआई का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया.
इस संबंध में संवाददाताओं से बात करते हुए शांतनु मजूमदार नामक एक अभिभावक ने बताया कि एक महीने पहले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की ओर से इस समस्या को लेकर डीआई को एक ज्ञापन सौपा गया था. इसीबीच दो दिन पहले डीआई ने विभिन्न सरकारी विद्यालयों से प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे सरकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम की एक सूची मांगी है. इस फैसले के बाद से जो शिक्षक ट्यूशन नहीं भी पढ़ा रहे हैं, उनके बीच भी आतंक का माहौल है.
इसी को लेकर आज डीआई कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया गया. अभिभावकों का कहना है कि ये उनका निजी मामला है. वे अपने बच्चों को कहीं भी ट्यूशन पढ़ा सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि कई शिक्षक नि:शुल्क कोचिंग देकर विद्यार्थियों की सहायता करना चाहते हैं. अब डीआई की ओर से इस पर भी रोक लगायी जा रही है. जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे वृहद आंदोलन का रूख करेंगे.
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