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अवैध निर्माण को लेकर बोर्ड बैठक में हंगामा

सिलीगुड़ी नगर निगम. विरोधियों के निशाने पर रहे मेयर अशोक भट्टाचार्य, लगे आरोप सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम की मासिक बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विरोधियों के बीच कहासुनी भी हुई. विरोधियों ने इस मामले को लेकर सीधे मेयर अशोक भट्टाचार्य को घेरा […]

सिलीगुड़ी नगर निगम. विरोधियों के निशाने पर रहे मेयर अशोक भट्टाचार्य, लगे आरोप

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम की मासिक बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विरोधियों के बीच कहासुनी भी हुई. विरोधियों ने इस मामले को लेकर सीधे मेयर अशोक भट्टाचार्य को घेरा और उनपर अवैध निर्माण को सह देने का आरोप लगाया. हांलाकि मेयर ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि 33 नंबर वार्ड में निर्माणाधीन जिस व्यावसायिक इमारत की बात तृणमूल पार्षद रंजन सरकार कर रहे हैं, उसका प्लान वर्ष 2012 में ही पास हुआ था. उन्होंने कभी भी अवैध निर्माण को प्रश्रय नहीं दिया है. जल निकासी व्यवस्था के लिए इमारत बनाने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आवेदन किया था, लेकिन निगम द्वारा निर्धारित चार्ज जमा नहीं कराया है. बल्कि बगैर इजाजत सड़क खोद दिया. जानकारी मिलते ही उस कंपनी के खिला‍फ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. निगम की वाम बोर्ड किसी भी अवैध निर्माण को सह नहीं देती है.
श्री भट्टाचार्य ने यह भी बताया कि बकाया प्रोपर्टी टैक्स जमा कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गयी थी. उसे 28 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रोपर्टी टैक्स 50 प्रतिशत से भी कम जमा होता है. पिछला बकाया ही अधिक प्राप्त होता है. अभी भी करीब पांच हजार लोगों का 15 करोड़ रूपए से भी अधिक प्रोपर्टी टैक्स बकाया है. जिसमें कई सरकारी कार्यालय भी है. जबकि निगम ने 24 हजार लोगों का बकाया प्रोपर्टी टैक्स माफ भी कर दिया है.
इस बीच,सिलीगुड़ी नगर निगम तथा प्रत्येक वार्ड में कर्मचारियों का अभाव है. सफाई कर्मचारी बढ़ाने की मांग हर पार्षद की रही है. इस मांग को पूरा करने के लिए निगम ने अस्थायी नियमित कर्मचारी के बाद उसके परिवार के एक व्यक्ति को उसी स्थान पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है. बैठक के बाद निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बताया अस्थायी रेगुलर कर्मचारियों के बाद उसके परिवार का जीवन यापन कठिन हो जाता है. क्योंकि उसे वेतन के अलावा किसी भी प्रकार की अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती है. आज की बोर्ड सभा में पास प्रस्ताव के अनुसार 60 वर्ष की उम्र में अस्थायी रेगुलर कर्मचारियों को भी रिटायर्ड कर दिया जायेगा. जबकि उनके स्थान पर उन्ही के परिवार के किसी उपयुक्त सदस्य को नियुक्त किया जायेगा. वहीं कार्य के दौरान मौत होने पर भी उनके परिवार के एक सदस्य को उसी स्थान पर नियुक्त किया जायेगा.
17 को डेंगू जनजागरण यात्रा: निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि डेंगू के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए 17 फरवरी को डेंगू जन जागरण यात्रा का आयोजन किया गया है. इस दिन निगम की ओर से एक विशाल रैली निकाली जायेगी. इसके अतिरिक्त निगम की ओर से पहली बार सेल्फ-हेल्प ग्रुप का मेला लगाया जा रहा है. 2 फरवरी से दो दिवसीय यह मेला कंचनजंघा मेला ग्राउंड में लगाया जायेगा. जिसमें 70 स्टॉल लगाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में पांच हजार सेल्फ-हेल्प ग्रुप हैं. जिसमें सिलीगुड़ी में सबसे अधिक 1400 ग्रुप है. जिसमें करीब 19000 से अधिक सदस्य हैं.
सिलीगुड़ी : विरोधियों के दबाव में सिलीगुड़ी नगर निगम ने विद्युत शवदाह गृह में शवदाह की फीस बढ़ाने के निर्णय को तत्काल स्थिगित कर दिया है. निगम में वाम मोरचा बोर्ड ने किरणचंद्र श्मशान घाट पर शवदाह की फीस 150 रुपये बढ़ा कर 500 रुपये करने का निर्णय लिया था. इसके साथ ही विद्युत चुल्हे व श्मशान घाट के विकास के लिए निगम ने डेढ़ करोड़ रुपये भी आवंटित किये हैं. दूसरी तरफ सिलीगुड़ी नगर निगम कोलकाता स्थित अतिथि निवास के चार्ज में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि की है. जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है.
मंगलवार दोपहर सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में जनवरी महीने की मासिक बोर्ड बैठक हुयी. काफी अरसे बाद निगम की बोर्ड बैठक करीब एक घंटे में ही समाप्त हो गयी. लंच से पहले ही चेयरमैन दिलीप सिंह ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी. आज की बैठक में मेयर ने दो प्रस्ताव रखा. लेकिन विरोधियों ने दोनों प्रस्तावों पर आपत्ति जतायी है. निगम ने शवदाह के लिए निर्धारित 350 रुपये को बढ़ाकर 500 करने का निर्णय लिया. इस प्रस्ताव को आज बोर्ड बैठक में पेश करते ही हंगामा शुरू हो गया. इसका तृणमूल, कांग्रेस व भाजपा ने विरोध किया. तृणमूल के रंजन सरकार ने कहा कि फीस बढ़ाने से पहले श्मशान घाट का कायाकल्प करना होगा. शव की संख्या 10 से अधिक होने पर परिजनों को देर रात तक दाह कर्म के लिए इंतजार करना पड़ता है. साथ ही कभी-कभी अचानक चूल्हे में खराबी आ जाती है. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि फीस बढ़ाकर निगम भले ही एक हजार रूपए कर दे लेकिन उस स्तर की सेवा मुहैया कराना भी निगम की जिम्मेदारी है. कांग्रेस और भाजपा ने भी किरणचंद्र श्मशान घाट पर विद्युत चूल्हे में शवदाह चार्ज बढ़ाने से पहले तमाम सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की. विरोधियों के दवाब को देखकर मेयर अशोक भट्टाचार्य ने चार्ज बढ़ाने के निर्णय को अगली मासिक बोर्ड बैठक तक स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस बीच विरोधी पार्षदों के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा. इस संबंध में मेयर ने आगे कहा कि जलपाईगुड़ी में विद्युत चूल्हे में शवदाह करने का चार्ज 1200 तथा अलीपुरद्वार में 2000 है. जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम के अधीन किरणचंद्र श्मशान घाट में यह चार्ज महज 350 रुपये है. इसकी देखरेख में निगम का अधिक रूपया व्यय हो रहा है. प्रति शव 350 रुपये से बिजली बिल का ही भुगतान भी संभव नहीं हो पा रहा है. इसी वजह से 150 रूपए बढ़ाने का निर्णय मेयर परिषद ने लिया था.
वहीं मेयर परिषद का दूसरा प्रस्ताव पास हो गया है. सिर्फ कांग्रेस ने विरोध जताया है. मेयर परिषद ने बोर्ड बैठक में कोलकाता स्थित अतिथि निवास के चार्ज में 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया. जिस पर कांग्रेस ने असहमति व्यक्त की. कांग्रेस नेता सुजय घटक ने कहा कि विभिन्न कार्यों को लेकर सिलीगुड़ी वासियों को कोलकाता जाना पड़ता है. अतिथि निवास वहां उनका आसरा है. उसमें ठहरने का चार्ज बढ़ाने के बजाए वहां कमरो की संख्या बढ़ा कर निगम अपना आय बढ़ाने पर ध्यान दे तो अच्छा होगा. फिर भी 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव पास हो गया है.
तृणमूल सहित सभी पार्टियों ने किया विरोध
अतिथि निवास के शुल्क में होगी बढ़ोत्तरी
25 प्रतिशत चार्ज बढ़ाने को मिली मंजूरी
विरोधियों ने दोनों प्रस्तावों पर आपत्ति जतायी

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