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सिलीगुड़ी नगर निगमl लेटलतीफी में बाबुओं ने तोड़ा रिकार्ड, बायोमेट्रिक मशीन में भी घपला उजागर, 11 बजे तक 70 प्रतिशत कर्मचारी रहे नदारद

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने व देर से कार्यालय आने का आरोप विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने लगाया है. आरोप है कि गुरूवार को ग्यारह बजे तक नगर निगम में 70 प्रतिशत कर्मचारी अनुपस्थित थे. बायोमिट्रिक मशीन के साथ भी छेड़छाड़ करने का मामला भी सामने आया है. इसको लेकर विरोधी […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने व देर से कार्यालय आने का आरोप विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने लगाया है. आरोप है कि गुरूवार को ग्यारह बजे तक नगर निगम में 70 प्रतिशत कर्मचारी अनुपस्थित थे. बायोमिट्रिक मशीन के साथ भी छेड़छाड़ करने का मामला भी सामने आया है. इसको लेकर विरोधी तृणमूल कांग्रेस ने कमिश्नर सोनम वांगदी भुटिया से मुलाकात कर पूरू मामले की शिकायत की है. लेट लतीफ कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्यवायी नहीं करने पर आंदोलन की धमकी भी तृणमूल ने दी है. जबकि निगम के डिप्टी मेयर रामभजन महतो ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है.
वैसे भी कहा जाता है सरकारी कुर्सी पर बैठने वाले कर्मचारी अपने मन मुताबिक ही काम करते हैं. सरकारी नौकरी में काम करने या न करने से वेतन पर कोई असर नहीं पड़ता है. सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मशक्कत जरूर करनी पड़ती है, लेकिन मिलने के बाद जिंदगी आराम से गुजरती है. इस बार सिलीगुड़ी नगर निगम की विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने कर्मचारियों के देर से आने व काम में लापरवाही बरतने के मामले को गरमाया है. हांलाकि यह तो सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेज व कार्यालयों की आम बात है. गुरूवार सुबह विरोधी दल नेता रंजन सरकार व अन्य तृणमूल पार्षद करीब साढ़े दस बजे निगम कार्यालय पहुंचे. उस समय निगम में ना के बराबर कर्मचारी उपस्थित थे. घड़ी में ठीक ग्यारह बजने पर भी कार्यालय में केवल 30 प्रतिशत कर्मचारी ही उपस्थित हुए. ग्यारह बजे तक 70 प्रतिशत कर्मचारियों को अनुपस्थित देखकर विरोधी दल नेता रंजन सरकार व अन्य तृणमूल पार्षद भड़क गये. ट्रेड लाइसेंस, जन्म व मृत्यु प्रमाण विभाग में लोग कतार में खड़े थे. उसी समय रंजन सरकार ने देखा कि उनकी हाथ की घड़ी में 11 बज रहे थे, जबकि नगर निगम के बायोमिट्रिक मशीन में 10. 34 ही बजा था. अर्थात बायोमिट्रिक मशीन समय से करीब 25 मिनट लेट थी.

इसके बाद तृणमूल पार्षदों ने निगम के कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया से मुलाकात कर इस मामले की शिकायत की. विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने इस मामले को लेकर माकपा मेयर अशोक भट्टाचार्य पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम अनाथ है. मेयर को शहर के प्रथम नागरिक का दर्जा दिया जाता है. जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य स्वयं को अमेरिका के राष्ट्रपति समझने लगे हैं. वे महीने के 15 दिन शहर के बाहर ही रहते हैं. विदेश दौरा भी करते हैं. शहर की कोई चिंता उन्हें नहीं है.

मेयर की देखादेखी निगम के कर्मचारी भी लापरवाह हो गये हैं. नियमानुसार कर्मचारियों को साढ़े दस बजे कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए. जबकि गुरूवार को ग्यारह बजे तक 70 प्रतिशत कर्मचारी अनुपस्थित थे. उन्होंने कहा कि बायोमिट्रिक मशीन में ही घपला किया गया है. लेट लतीफी को छिपाने के लिए मशीन में समय देरी से सेट किया गया है. कर्मचारियों के नहीं आने से किसी काम से निगम आये लोगों को घंटो कतार में खड़ा रहना पड़ता है. इसके खिलाफ निगम के कमिश्नर से शिकायत की गयी हैं. दोषी कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्यवायी न किये जाने पर तीव्र विरोध किया जायेगा.

डिप्टी मेयर ने दी सफाई
इस विषय पर सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने बताया कि बायोमिट्रिक मशीन के साथ छेड़खानी के मामले की जांच करायी जायेगी. इसके लिए कमिश्नर को निर्देश दिया जा चुका है. कर्मचारियों के देरी से आने की बात पर भी गौर किया गया है. इस पर विचार किया जायेगा.

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