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खाते में फरार रोगी का शव अस्पताल में ही मिला

सिलीगुड़ी. नाम में हेरफेर व अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक रोगी की मौत हो गयी और तीन दिनों तक इसका किसी को पता ही नहीं चला. अस्पताल के रिकार्ड में फरार रोगी का शव तीन दिनों बाद अस्पताल के ही कोरिडोर से बरामद हुआ. मृतक के परिवार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की […]

सिलीगुड़ी. नाम में हेरफेर व अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक रोगी की मौत हो गयी और तीन दिनों तक इसका किसी को पता ही नहीं चला. अस्पताल के रिकार्ड में फरार रोगी का शव तीन दिनों बाद अस्पताल के ही कोरिडोर से बरामद हुआ. मृतक के परिवार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इधर, अस्पताल की कोशिश रोगी के फरार होने की बात कह पल्ला झाड़ने की है.

मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी थाना अंतर्गत फूलबाड़ी इलाके में एक सड़क हादसा हुआ था. इसमें बाइक पर सवार रमेश सोनार व प्रकाश राई नामक दो व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गए थे. न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने दोनों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. ये दोनों का घर पड़ोसी राज्य सिक्किम के जोरथांग में है.

रमेश की हालत सुधरने के बाद वह अपने घर लौट गया. दुर्घटना की खबर सुनते ही प्रकाश राई के परिवार वाले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज पहुंचे. यहां आकर पता चला कि मेडिकल कॉलेज के रिकार्ड में प्रकाश राई नाम का कोई रोगी भर्ती ही नहीं हुआ है. परिवार वालों ने इसकी शिकायत उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी से भी की. लेकिन रोगी का कोई पता नहीं लगा. पिछले तीन दिनों से अपने मरीज को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते परिवार वाले भी थक-हार गये थे. तभी मंगलवार की सुबह उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के इमरजेंसी के कोरिडोर में एक शव पड़ा देखा गया. वहां बैठे कुछ रोगियों के परिजनों ने बताया कि यह शव पिछले दो दिन से यहां है. चेहरे से कपड़ा हटाया गया तो शव प्रकाश राई का निकला. शव को देखते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. उनलोगों ने मेडिकल पर लापरवाही का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. दूसरी ओर अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रकाश और रमेश को भर्ती कराते समय नाम में हेराफेरी हो गयी थी. प्रकाश राई को आकाश के नाम से भर्ती कराया गया था. जबकि उसी दिन आकाश तमांग नाम का एक और रोगी भर्ती हुआ था. जो अगले दिन फरार हो गया था. मेडिकल की ओर से इसकी शिकायत पुलिस चौकी में भी की गयी है. नाम में हुयी इसी हेराफेरी से पूरा मामला बिगड़ गया है.

मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि मेडिकल की लापरवाही से रोगी की मौत हुयी है. यदि नाम में हेराफेरी हुयी भी हो तो एक ही नाम के दो रोगियों का इलाज होना चाहिए. आकाश तमांग नामक एक रोगी के फरार होने के बाद दूसरे आकाश का इलाज होना चाहिए. मेडिकल के रिकॉर्ड में दो आकाश होने चाहिए. परिवार का आरोप है कि प्रकाश राई जिसे आकाश के नाम से भर्ती कराया गया, फिर उसका इलाज क्यों नहीं किया गया. आकाश नाम का दूसरा मरीज वार्ड से फरार हो गया तो इसे किसने वार्ड से बाहर किया. शव दो दिन से कोरीडोर में पड़े होने का मतलब है कि उसकी चिकित्सा ही नहीं हुई.

क्या कहती हैं अस्पताल अधीक्षक

इस संबंध में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की अधीक्षक मैत्रेयी कर ने बताया कि इस तरह की एक घटना घटी है. शनिवार को पुलिस ने दुर्घटना के शिकार दो युवकों को भर्ती कराया था. जबकि एक के नाम मे हेराफेरी हुयी है. उसी नाम के एक और रोगी के फरार होने से यह घटना घटी है. मामला की जांच की जा रही है.

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