दार्जिलिंग. पश्चिम बंगाल विजय का सपना पाले भाजपा दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के राजनीतिक मैदान को खाली छोड़ना नहीं चाह रही है. रणनीतिक लिहाज से उसने बंगाल विभाजन का लगातार विरोध किया, लेकिन अब गोरखालैंड आंदोलन ठंडा पड़ने के बाद वह पहाड़ की राजनीति में दखल बढ़ाने की कोशिश में जुट गयी है.
इसके अलावा राजनीतिक विरोध का सामना कर रहे दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया को भी वह संकट से बाहर निकालना चाहती है. इसी क्रम में बुधवार को भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष कालिम्पोंग पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है के उनके साथ सांसद श्री अहलुवालिया भी होंगे. इधर, टेलीफोन पर हुई बातचीत में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि श्री घोष के साथ आ रही भाजपा की टोली आंदोलन के शहीदों के परिवारों के साथ भेंटवार्ता करेगी और पहाड़ की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट भी तैयार करेगी.
श्री गुरुंग ने कहा कि भाजपा की टोली के पहाड़ आगमन के दौरान विनय तमांग विरोध करने की बात कह रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि विनय पूर्ण रूप से तृणमूल कांग्रेस के हो गये हैं. श्री गुरुंग ने कहा कि दार्जिलिंग की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने की घोषणा की है. बुलावा मिलने पर मैं जरूर जाऊंगा और अपना पक्ष रखूंगा. उन्होंने 15 दिनों के भीतर केंद्र द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता बुलाये जाने का संकेत दिया.
श्री गुरुंग ने कहा कि ममता बनर्जी के आंदोलन के समय अनेक हिंसक घटनाएं हुई थीं, लेकिन वाम मोर्चा सरकार ने कभी उनके खिलाफ राजद्रोह या आतंकवाद के मामले दर्ज नहीं किये थे. उसी ममता बनर्जी ने हमारे खिलाफ देखते ही गोली मारने का आदेश निकाला है. उन्होंने कहा, मुझे गिरफ्तारी का भय नहीं है. आज भी आंदोलन में हूं.
दिल्ली वार्ता में कौन-कौन जायेगा, इस सवाल के जवाब में श्री गुरुंग ने कहा कि वार्ता की तारीख अभी तय नहीं हुई है. जैसे ही यह तय होगी, हम प्रतिनिधियों की सूची तैयार कर सबसे पहले मीडिया को बतायेंगे. श्री गुरुंग ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए केंद्र के साथ वार्ता में पहाड़ का प्रतिनिधित्व मोर्चा की टोली ही करेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार वार्ता में नहीं आती है, तो मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच वार्ता होगी.
काला झंडा दिखायेंगे गोरामुमो समर्थक: मिरिक. गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) ने भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष एवं सांसद एसएस आहलुवालिया के दार्जिलिंग दौरे का विरोध किया है और उन्हें काला झंडा दिखाने की धमकी दी है. गोरामुमो के केंद्रीय महासचिव महेंद्र छेत्री ने कहा कि करीब तीन महीने तक गोरखालैंड आंदोलन के दौरान भाजपा सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने की चिंता नहीं थी. पहाड़ पर बंद था, लोग मारे गये और सांसद चुप्पी साधे रहे. अब पहाड़ पर शांति के बाद श्री अहलुवालिया और भाजपा नेताओं को पहाड़ पर आने का कोइ अधिकार नहीं है.
उल्लेखनीय है कि गोजमुमो का विनय तमांग गुट भी भाजपा नेताओं के दौरे को लेकर अपना विरोध जता चुका है. गोरामुमो नेता श्री छेत्री ने कहा ‘गोरखाओं का सपना मेरा सपना’ कहनेवाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना होगा कि अब उनका सपना क्या है. लोकसभा चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने जो सपना दिखाया अब उसको पूरा करना होगा. दार्जिलिंग पहाड़ से दो-दो बार भाजपा नेताओं को सांसद बनाकर भेजा गया. भाजपा को बताना होगा कि गोरखालैंड पर उसका रुख क्या है. भाजपा नेता पहाड़ की जनता को बेवकूफ नहीं बनायें. 105 दिनों तक पहाड़ बंद के दौरान यहां लोगों की स्थिति क्या रही, इसके बारे में किसी ने नहीं पूछा. अब सब शांत होने पर उनके आने की जरूरत नहीं है.