कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने मुहर्रम के दिन प्रतिमा विसर्जन पर रोक के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को रद्द करते हुए हिंदू पंचांग के अनुसार विसर्जन कराने का निर्देश दिया है. अदालत ने 30 सितंबर को विजयादशमी के दिन से मुहर्रम सहित सभी दिनों में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की अनुमति दी और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम किए जायें.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राकेश तिवारी और न्यायमूर्ति हरीश टंडन की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह प्रतिमा विसर्जन और ताजिया जुलूस के लिए अलग-अलग मार्ग का निर्धारण करे. खंडपीठ ने कहा कि 30 सितंबर को विजयादशमी के दिन से सभी दिनों के लिए दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन होगा. एक अक्तूबर को मुहर्रम के दिन भी प्रतिमा विसर्जन होगा.
पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि निर्धारित मार्ग के बारे में सूचना देने के लिए विज्ञापन लगाएं और समुदायों के बीच सौहार्द्र सुनिश्चित करने के लिए भी विज्ञापन दें. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विजयादशमी के दिन 30 सितंबर को दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन पर रात दस बजे के बाद रोक लगा दी थी और कहा था कि एक अक्तूबर को मुहर्रम के दिन भी प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा. दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर रोक को चुनौती देने वाली तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने यह फैसला दिया.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राकेश तिवारी के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्त को कहा कि आप अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन हम अधिकार व शक्ति का दुरुपयोग करने नहीं देंगे. हमें एक-एक कदम के साथ आगे बढ़ना चाहिए. अगर कहीं हिंसा होती है तो पहले वहां पानी के फव्वारे छोड़े जाते हैं, उसके बाद लाठीचार्ज और उसके बाद अगला कदम पाबंदी का होता है, लेकिन आपने सबसे पहले अंतिम स्टेप ले लिया. मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता किशोर दत्त ने कहा कि राज्य सरकार ने किसी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका के तहत ऐसा निर्देश जारी किया है. राज्य सरकार ने मुहर्रम को छोड़ कर सभी दिनों में विसर्जन की अनुमति दी थी. इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राकेश तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार पंचांग के अनुसार दिये गये नियमों को बंद करना चाहती है.
क्या चांद पर राज्य सरकार नियंत्रण कर सकती है. इसके बाद अपना फैसला सुनाते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार ही अब विसर्जन कराना होगा. सभी दिन रात 12 बजे तक प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए नदी घाट तक पहुंचाना होगा. इसके साथ ही मुहर्रम को देखते हुए न्यायाधीश ने ताजिया निकलने के रास्ते का रूट निर्धारण की जिम्मेदारी राज्य पुलिस के डीजी व कोलकाता पुलिस आयुक्त को सौंपा है. उन्होंने कहा कि किस रास्ते से विसर्जन के लिए प्रतिमाएं जायेंगी और किन रास्तों से ताजिया निकलेगी, यह राज्य पुलिस के डीजी तय करेंगे. कोर्ट ने राज्य व कोलकाता पुलिस को विसर्जन व मुहर्रम के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का निर्देश दिया और किसी भी स्थिति से निबटने के लिए डीजी, पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षकों को पर्याप्त मात्रा में पुलिस के जवानों को तैनात करने का आदेश दिया.
क्या है कोर्ट का निर्देश
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राकेश तिवारी और न्यायमूर्ति हरीश टंडन की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह प्रतिमा विसर्जन और ताजिया जुलूस के लिए अलग-अलग मार्ग का निर्धारण करे. खंडपीठ ने कहा कि 30 सितंबर को विजयादशमी के दिन से सभी दिनों के लिए दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन होगा. एक अक्तूबर को मुहर्रम के दिन भी प्रतिमा विसर्जन होगा.
विसर्जन के लिए प्रशासन तैयार
विसर्जन एवं मोहर्रम दोनों एक साथ संपन्न करने के लिए राज्य सरकार तैयार है. विसर्जन के मुद्दे पर हाइकोर्ट के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री ने आपात बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य, राज्य पुलिस के डीजी सुरजीत कर पुरकायस्थ एवं कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शामिल हुए. प्राप्त जानकारी के अनुसार किस-किस रास्ते से विसर्जन की शोभा यात्रा निकलेगी आैर किन रास्तों से मोहर्रम के ताजिया गुजरेंगे, इसके लिए इस बैठक में एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है. बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आेर से सभी जरूरी तैयारी पहले से की हुई है. किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम लोग नहीं चाहते थे कि मोहर्रम के दिन विसर्जन हो. पर कोर्ट के फैसले पर भी हमारी नजर थी. उसी हिसाब से हम लोगों ने पहले ही तैयारी कर रखी थी. पिछले दिनों नेताजी इंडोर स्टेडियम में हुई समन्वय कमेटी की बैठक में हम लोगों ने इस मुद्दे पर पहले ही विचार विमर्श कर लिया था, इसलिए अदालत के फैसले से हमें किसी तरह की असुविधा नहीं होगी. सरकार विसर्जन एवं मोहर्रम एक साथ कराने के लिए तैयार है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को मोहर्रम एवं विसर्जन एक दिन कराने के लिए सुरक्षा की सभी जरूरी तैयारी करने की विशेष हिदायत दी है.